
बीजापुर, छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच चल रहे ऑपरेशन में आज एक बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर–दंतेवाड़ा अंतरजिला सीमा पर स्थित पश्चिम बस्तर डिवीजन के गंगालूर क्षेत्र में मंगलवार सुबह 9 बजे से शुरू हुई भीषण मुठभेड़ में अब तक 12 माओवादी कैडरों के शव बरामद किए गए हैं। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं, जिनमें LMG मशीन गन, SLR राइफलें, INSAS राइफलें और .303 राइफलें शामिल हैं।
इस ऑपरेशन में राज्य के बहादुर जवानों ने अद्वितीय साहस दिखाया, लेकिन दुखद रूप से DRG बीजापुर के तीन जवान शहीद हो गए। शहीद जवानों में शामिल हैं —
- प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी, DRG बीजापुर
- आरक्षक दुकारू गोंडे, DRG बीजापुर
- जवान रमेश सोड़ी, DRG बीजापुर
इसके अलावा DRG के दो जवान घायल हुए हैं, जिन्हें समय रहते प्राथमिक उपचार प्रदान कर दिया गया है और डॉक्टरों के अनुसार वे खतरे से बाहर हैं।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि DRG बीजापुर–दंतेवाड़ा, STF, CoBRA और CRPF की संयुक्त टीमों द्वारा सुबह 9 बजे से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। इसी दौरान घात लगाए बैठे माओवादियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी आक्रामक एवं निर्णायक कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में माओवादी ढेर हुए।
सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान जंगलों में लगातार रुक-रुक कर फायरिंग होती रही और सुरक्षा बलों ने कई दिशाओं से दबाव बनाते हुए नक्सलियों के ठिकानों को घेर लिया। घटनास्थल से मिले शवों की अभी पहचान की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि मारे गए नक्सलियों में स्थानीय एरिया कमेटी के कई महत्वपूर्ण सदस्य हो सकते हैं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया कि ऑपरेशन अभी भी जारी है और अतिरिक्त फोर्स को क्षेत्र में भेजा गया है। पूरे इलाके को कॉर्डन कर सर्चिंग तेज कर दी गई है ताकि किसी भी माओवादी के भागने की संभावना को समाप्त किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन पूर्ण होने तक विस्तृत जानकारी देना संभव नहीं है।सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई को बस्तर क्षेत्र में माओवाद के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में लगातार सफल अभियानों से नक्सली संगठन पर दबाव बढ़ा है, और यह मुठभेड़ उनके ढांचे को एक और बड़ा झटका देती



