
CG News : ज्वाइनिंग के पहले अब डिटेल इन्वेस्टिगेशन, राज्य सरकार ने चेतावनी के साथ जारी किया पत्र
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब किसी भी विभाग में नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले अभ्यर्थियों को कड़े सत्यापन और जांच प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य होगा। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने बुधवार को सभी विभागों को पत्र जारी कर स्पष्ट निर्देश दिया है कि चयन सूची जारी होने के बाद बिना पुलिस चरित्र सत्यापन और दस्तावेजों की पूर्ण जांच किए किसी भी हालत में नियुक्ति आदेश जारी न करें।
फर्जी प्रमाण पत्र और न्यायालयीन विवादों पर रोक के लिए दिशा निर्देश
राज्य सरकार के संज्ञान में यह बात आई है कि कई विभाग चयन सूची जारी होने के बाद अभ्यर्थियों को बिना संपूर्ण सत्यापन प्रक्रिया पूरी किए ही ज्वाइनिंग दे देते हैं। इससे बाद में फर्जी जाति प्रमाण पत्र, फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र, और अन्य गलत दस्तावेजों के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे प्रकरण न केवल प्रशासनिक जटिलताएँ पैदा कर रहे हैं, बल्कि बड़ी संख्या में मामले अदालतों तक पहुंच रहे हैं।सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि फर्जी दस्तावेजों से जुड़ी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं, और कई मामलों में नौकरी प्राप्त करने के बाद वर्षों तक मामला अदालत में अटका रहता है, जिससे विभागों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
शपथ पत्र लेकर नियुक्ति देना अब प्रतिबंधित
अक्सर देखा गया है कि कई विभाग कुछ दस्तावेजों के अभाव में अभ्यर्थी से शपथ पत्र लेकर नियुक्ति आदेश जारी कर देते हैं। सरकार ने इसे “प्रशासनिक दृष्टि से अनुचित और जोखिमपूर्ण” बताया है।नए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब किसी भी परिस्थिति में शपथ पत्र के आधार पर नियुक्ति नहीं दी जाएगी। सभी दस्तावेज तथा प्रमाणपत्रों की मूल प्रति देखकर विभागों को स्वयं सत्यापन कराना अनिवार्य होगा।

क्या-क्या दस्तावेज होंगे अनिवार्य?
निर्देशों के अनुसार, नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले निम्न दस्तावेजों का सत्यापन अनिवार्य किया गया है—
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि आरक्षण लिया गया है)
- दिव्यांग प्रमाण पत्र (यदि लागू)
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र
- अनुभव प्रमाण पत्र (जहां आवश्यक हो)
- पुलिस चरित्र सत्यापन रिपोर्ट
- आयु प्रमाण पत्र
- रोजगार कार्यालय पंजीयन (जहां जरूरी हो)
यदि इन दस्तावेजों में से कोई भी लंबित है, तो नियुक्ति आदेश किसी भी स्थिति में जारी नहीं किया जाएगा।
सभी विभागों को सख्त पालन के निर्देश
जीएडी ने सभी विभागों से कहा है कि इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और नियुक्ति प्रक्रिया को “पारदर्शी और त्रुटिरहित” बनाने को प्राथमिकता दें। सरकार का मानना है कि इस कदम से—
- फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी पाने वालों पर रोक लगेगी,
- न्यायालयीन विवादों में कमी आएगी,
- भर्ती प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय व निष्पक्ष बनेगी।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम
राज्य सरकार का यह आदेश भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और विभागों को जिम्मेदार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। लगातार सामने आ रहे फर्जी प्रमाण पत्र और धोखाधड़ी के मामलों ने प्रशासन की चिंता बढ़ाई थी। अब नए नियमों से नियुक्ति प्रक्रिया पहले से अधिक कठोर और सुरक्षित होगी।


