
रायपुर : सेंट्रल जेल में बंद कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की मौत हो गई। उन्हें इलाज के लिए मेकाहारा अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जीवन ठाकुर जो कि चारामा के पूर्व जनपद अध्यक्ष थे वन अधिकार पट्टा घोटाले में सजा काट रहे थे। जेल प्रशासन के अनुसार उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। लेकिन ठाकुर के परिजनों ने जेल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि बिना किसी सूचना के ठाकुर को कांकेर से रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया जबकि उनकी तबीयत पहले से ही खराब थी। जीवन ठाकुर अक्टूबर महीने से जेल में बंद थे और 2 दिसंबर को उन्हें रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था।
सेंट्रल जेल में बंद कांग्रेस नेता की मौत
सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर की रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने जिले में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। परिवारजनों और आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने जेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही, महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने और हत्या का आरोप लगाते हुए थाना चारामा प्रभारी को ज्ञापन सौंपा है। बता दें कि जीवन ठाकुर को 12 अक्टूबर 2025 को एक जमीन मामले में गिरफ्तार कर जिला जेल कांकेर में रखा गया था। परिजनों का आरोप है कि 2 दिसंबर को उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। न तो स्थानांतरण की जानकारी दी गई और न ही स्वास्थ्य बिगड़ने या अस्पताल में भर्ती कराए जाने की कोई सूचना परिजनों को दी गई। बताया जा रहा है कि 4 दिसंबर की सुबह 4:20 बजे जीवन ठाकुर को डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया गया, जहाँ सुबह 7:45 बजे उनका निधन हो गया। परिवार को इस गंभीर घटना की जानकारी शाम लगभग 5 बजे दी गई। परिजनों का कहना है कि यदि उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी, तो समय रहते समुचित उपचार क्यों नहीं दिया गया, और रेफर किए जाने के बावजूद सूचना क्यों नहीं दी गई।
जेल प्रशासन ने इलाज में की लापरवाही- दीपक बैज
आदिवासी नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीवन ठाकुर की मौत पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने तीखा बयान दिया है। दीपक बैज ने कहा कि जीवन ठाकुर को कांग्रेस सरकार में वन अधिकार पट्टा मिला था लेकिन इस सरकार ने उन्हें फर्जी बताकर उनके खिलाफ फर्जी FIR दर्ज की और जेल भेज दिया। बैज ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन ने ठाकुर पर अत्याचार किया। ना तो समय पर खाना दिया गया और ना ही उन्हें सही इलाज उपलब्ध कराया गया। जेल प्रशासन ने जानबूझकर उनकी तबीयत बिगाड़ी ताकि उनकी मौत हो सके।
उन्होंने कहा कि इस घटना से आदिवासी समाज में जबरदस्त आक्रोश है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। जो भी जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। दीपक बैज ने यह भी बताया कि वह जल्द ही जीवन ठाकुर के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कांकेर जा रहे हैं जहां वह आदिवासी नेताओं के साथ इस मुद्दे पर और चर्चा करेंगे।



