
रायपुर, अवैध घुसपैठियों और संदिग्ध अप्रवासियों के खिलाफ रायपुर पुलिस ने मंगलवार तड़के शहरभर में एक साथ बड़ी छापेमारी की। पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीमों ने मुस्लिम बहुल इलाकों, होटल-लॉज, ढाबों, रेस्टोरेंट और धार्मिक स्थलों के आसपास रह रहे लोगों की गहन जांच की। इस दौरान 150 से ज्यादा लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
पुलिस के मुताबिक तकनीकी जांच में सामने आया कि इन संदिग्धों के मोबाइल से बांग्लादेश और पाकिस्तान में लगातार कॉल और चैट हो रही थी। खास तौर पर IMO और WhatsApp जैसे एप्स के जरिए बातचीत की जा रही थी। IMO कम इंटरनेट डाटा में चलता है और बांग्लादेश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला मैसेजिंग ऐप है, इसलिए यह जांच एजेंसियों के रडार पर था।
3200 नंबरों की छानबीन, 150 संदिग्ध मिले
पुलिस ने करीब 3200 मोबाइल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण किया। इनमें से 150 नंबर ऐसे पाए गए, जिनसे विदेशों—खासतौर पर बांग्लादेश और पाकिस्तान—में सीधी बातचीत हो रही थी। इसके बाद इन नंबरों से जुड़े लोगों को चिन्हित कर हिरासत में लिया गया।
6 लोग हिरासत में, मोबाइल साइबर लैब भेजे
जांच के बाद पुलिस ने 6 लोगों को औपचारिक रूप से हिरासत में रखा है। इनमें से 4 संजय नगर के रहने वाले हैं, जबकि 2 लोग वैध दस्तावेज पेश नहीं कर पाए और उनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। सभी के मोबाइल फोन साइबर लैब भेजे गए हैं।
किन इलाकों में हुई छापेमारी
मौदहापारा, नहरपारा, बैजनाथपारा, राजातालाब, संजय नगर, टिकरापारा, संतोषी नगर, ईदगाहभाठा, आमापारा, ताजनगर, तरुण नगर, मोवा, गाजीनगर, बैरनबाजार, मोमीनपारा, पारस नगर, पंडरी, सड्डू ईरानी डेरा और शक्तिनगर समेत कई इलाकों में पुलिस टीमों ने एक साथ दबिश दी।
पहले भी पकड़े गए बांग्लादेशी
पुलिस इससे पहले टिकरापारा से तीन भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एक दंपती और 10 बांग्लादेशी नागरिकों को भी पकड़ा गया था, जिन्हें बाद में सीमा पर छोड़कर उनके देश वापस भेजा गया।
फर्जी दस्तावेजों का पूरा नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि अवैध अप्रवासी स्कूलों से फर्जी 5वीं-8वीं की अंकसूची बनवाकर, किरायानामा और स्थानीय पार्षद के सत्यापन से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता, वोटर आईडी और राशन कार्ड तक तैयार करवा लेते हैं। एजेंटों के जरिए पासपोर्ट-वीजा भी बनवाया जाता है।
एसटीएफ की सख्त निगरानी
राज्य सरकार ने मई से 33 जिलों में अवैध अप्रवासियों की तलाश के लिए एसटीएफ गठित की है। हर महीने इसकी रिपोर्ट गृह विभाग और फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाती है।एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि संदिग्ध बांग्लादेशियों को पहले कस्टडी में रखा जाएगा, फिर वैध प्रक्रिया के तहत बॉर्डर पर छोड़कर उनके देश भेजा जाएगा।
रायपुर में इस बड़े एक्शन के बाद अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेज नेटवर्क पर पुलिस की सख्ती और तेज होने के संकेत मिल रहे हैं।



