
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के संवेदनशील नेतृत्व और प्रभारी मंत्री गुरु खुशवंत साहेब की निर्णायक पहल से अंतर्राज्यीय समन्वय का सशक्त उदाहरण
सक्ती/रायपुर। केरल में कार्य के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के सक्ती जिले के एक श्रमिक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की घटना ने पूरे प्रदेश को मर्माहत कर दिया। इस गंभीर और संवेदनशील मामले में प्रभारी मंत्री गुरु खुशवंत साहेब द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए जिस तरह से प्रशासनिक मशीनरी को सक्रिय किया गया, वह राज्य सरकार की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और मानवीय सोच का स्पष्ट प्रमाण है।
प्रभारी मंत्री गुरु खुशवंत साहेब के सतत हस्तक्षेप, स्पष्ट निर्देशों एवं माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार ने केरल सरकार के साथ प्रभावी संवाद एवं समन्वय स्थापित किया। इसका परिणाम यह रहा कि केरल सरकार द्वारा मृतक श्रमिक के परिजनों को 30 लाख रुपये की मुआवजा राशि प्रदान करने की घोषणा की गई। वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने भी मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए पीड़ित परिवार को ₹5,00,000 (पांच लाख रुपये) की आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। यह घटना केवल एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि दो राज्यों के बीच संवेदनशील और सुदृढ़ संघीय संबंधों का जीवंत उदाहरण है, जहां एक राज्य के नागरिक के प्रति दूसरे राज्य ने भी समान जिम्मेदारी और करुणा का परिचय दिया। यह भारत की संघीय व्यवस्था की उस भावना को सशक्त करता है, जिसमें राज्य नहीं, नागरिक सर्वोपरि होता है। प्रभारी मंत्री गुरु खुशवंत साहेब जी ने इस अवसर पर कहा कि माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। राज्य के श्रमिक चाहे देश के किसी भी कोने में कार्यरत हों, उनकी सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए सरकार हर स्तर पर मजबूती से खड़ी है। यह त्वरित निर्णय सरकार की संवेदनशील राजनीति, मजबूत प्रशासन और जनकल्याण के प्रति अडिग प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि यह सहायता राशि केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि पीड़ित परिवार के दुःख में सहभागी बनने और उन्हें यह भरोसा दिलाने का संदेश है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने नागरिकों को कभी अकेला नहीं छोड़ती।



