
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से एक गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां तोरवा क्षेत्र की एक युवती ने अंबिकापुर में पदस्थ एक शिक्षक पर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण, झूठा विवाह रचाने, गर्भपात कराने और बाद में शादी से मुकरने का आरोप लगाया है। महिला पुलिसकर्मी ने 10 दिसंबर को महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद मामला चर्चा में आ गया है।
पीड़िता के अनुसार, उसकी पहचान आरोपी संजय रात्रे से 18 मई को यदुनंदन नगर स्थित एक कैफे में हुई थी। संजय अंबिकापुर में शिक्षक के पद पर कार्यरत है। पहली मुलाकात के बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और फोन पर नियमित संपर्क होने लगा। युवती का आरोप है कि 8 जून को संजय उसे अपने घर ले गया और विवाह का प्रस्ताव दिया। शादी का भरोसा दिलाकर उसने दबाव बनाते हुए युवती से शारीरिक संबंध बनाए।कुछ समय बाद युवती गर्भवती हो गई। गर्भ की जानकारी मिलने के बाद संजय ने 27 जुलाई को पाली स्थित एक शिव मंदिर में अपने दोस्त की मौजूदगी में युवती के साथ कथित तौर पर विवाह का नाटक किया। पीड़िता का कहना है कि यह विवाह पूरी तरह झूठा और दिखावटी था, जिसका उद्देश्य उसे भरोसे में लेना था। इसके बाद संजय युवती को अपने घर ले गया और उसके माता-पिता के सामने भी उसे अपनी पत्नी बताया।
हालांकि, कुछ दिनों बाद ही संजय का व्यवहार बदल गया। युवती के अनुसार, उसने उस पर गर्भपात कराने का दबाव डालना शुरू कर दिया। आरोपी ने रीति-रिवाज से शादी करने का आश्वासन देते हुए गर्भपात की दवा खिलाई। युवती ने दवा का सेवन किया, जिससे लगभग एक माह का भ्रूण गिर गया। गर्भपात के बाद युवती मानसिक और शारीरिक रूप से टूट गई और कुछ समय बाद अपने मायके लौट आई। पीड़िता का आरोप है कि जब उसने दोबारा संजय से शादी की बात की, तो वह टाल-मटोल करने लगा और स्पष्ट जवाब देने से बचता रहा। अंततः खुद को ठगा हुआ महसूस कर युवती ने महिला थाना पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की शिकायत दर्ज कराई।
मामले में एक और गंभीर आरोप सामने आया है। पीड़िता का कहना है कि आरोपी शिक्षक की मौसी रूपांजलि सोऊंचे, जो वर्तमान में महिला थाना की रक्षा टीम में पदस्थ हैं, लगातार संजय रात्रे को बचाने का प्रयास कर रही हैं। आरोप है कि उन्होंने कई बार पीड़िता का रास्ता रोककर उसे धमकाया और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया।
इससे परेशान होकर पीड़िता ने शुक्रवार को इस पूरे मामले की शिकायत आईजी से की। पीड़िता के अनुसार, आईजी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित महिला आरक्षक को थाने से अन्यत्र पदस्थ करने के निर्देश दिए हैं, ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जा सके।फिलहाल महिला थाना पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपों की तथ्यों के आधार पर जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। य



