आरंगछत्तीसगढ़

हिन्दु स्वाभिमान जागरण पद यात्रा में पहुचे संतो का आरंग में हुआ भव्य स्वागत-धर्म सभा में हिंदुओं का जागृत करते हुए दिया कई सन्देश 

आरंग। माँ दंतेश्वरी मंदिर से हिन्दु स्वाभिमान जागरण पद यात्रा में आरंग पहुचे स्वामी त्रिवेणी दास और स्वामी प्रेमस्वरूपा महाराज ने धर्म सभा को संबोधित कर लोगो में हिन्दू भाव जागृत करते हुए सनातनी हिन्दू समाज, पंथ व समाज प्रमुखों एवं सभी संगठनो को समाज में बढती हुई विषमता, भेदभाव, जनसंख्या असंतुलन, धर्मान्तरण, गौ तस्करी, भूमि व लव जिहाद एवं धार्मिक, सांस्कृतिक आक्रमण, आदि समस्याओं के समाधान को लेकर जन जागरण का संदेश दिया। उन्होंने हिन्दू समाज से आग्रह किया कि प्रति ‌मंगलवार शाम 7:00 बजे अपने आस पास के मंदिर या धार्मिक स्थल में जरूर जाए और हनुमान चालीसा का पाठ करे। कम से कम सप्ताह में एक दिन में पूरा परिवार एक साथ बैठ कर भोजन करे।अभिवादन में राम राम बोलने की आदत डालें।

प्रतिदिन ‌मस्तक में तिलक लगाए, हाथ मे कलावा पहने व शिखा जरूर रखें।हिंदुत्व की पहचान के लिए अपने निवास स्थान के बाहर ॐ या स्वास्तिक जरूर लिखवाए व घर के में ध्वज जरूर लगाए।

शस्त्र और शास्त्र का ज्ञान रखें प्रतिदिन 4 पन्ने गीता/रामायण जरूर पढ़े।हिन्दु स्वाभिमान जागरण एवं सामाजिक समरसता हेतु माँ दंतेश्वरी से पद यात्रा पर निकले संत समाज की पद यात्रा 16 मार्च शुक्रवार को सायं 05 बजे आरंग पहुचनें पर सर्व हिन्दू समाज द्वारा भव्य एवं आत्मीय स्वागत किया गया।सर्व हिन्दू समाज के युवाओं ने घोड़ारी में संत समाज की अगुवाई कर आरंग लेकर पहुचे।आरंग के प्रवेश स्थल महासमुंद तिराहा के पास नगर वासियो ने उनका आत्मीय स्वागत किया और उनके साथ पैदल चलते हुए नेता जी चौक आरंग पहुच कर माँ दंतेश्वरी की पूजा आरती की गई।यहां से सभी संत भजन मंडली के साथ कार्यक्रम स्थल बागेश्वर नाथ मंदिर पहुचे। बाबा बागेश्वर नाथ जी की पूजा अर्चना के धर्म सभा की शुरुवात की गई।आपको बता दे की छत्तीसगढ़ प्रांत के चारों दिशाओं से यह यात्रा प्रान्त के 34 जिलो से होकर 19 मार्च को एक साथ राजघानी रायपुर पहुचेगी। इस यात्रा का मूल उद्देश्य गिरिकंदराओ, वनों, ग्रामों, झुग्गी बस्तिओं एवं नगरों में निवास करने वाले हिन्दू समाज बन्धुओं के बीच संगत (सत्संग) और पंगत को माध्यम बनाकर, एकात्म एकरस संगठित हिन्दू समाज का प्रकटीकरण कर, हिन्दूभाव (स्वाभिमान) जागरण करना है। जो कि जाति-पाति भाषा पंथ क्षेत्र एवं राजनैतिक भेद भावों से उपर उठकर राष्ट्र निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभायेगें।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button