बालोद

दुष्कर्म के आरोपी को एफटीसी ने सुनाई फांसी की सजा, पुष्टि के लिए भेजा हाईकोर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बालोद में 11 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को बालोद फास्ट ट्रैक कोर्ट फांसी की सजा सुनाई है। इसी बीच अभियुक्त एफटीसी(फास्ट ट्रैक कोर्ट) के फैसले को चुनौती देते हुए अपने अधिवक्ता के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अपील पेश की है। एफटीसी के सजा की पुष्टि और अपील दोनों पर हाईकोर्ट ने सुनवाई प्रारंभ कर दी है।

फांसी की सजा की पुष्टि और एफटीसी के फैसले के खिलाफ अपील पर जस्टिस संजय के अग्रवाल व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। दुष्कर्म पीड़िता व मृतक बेटी के पिता ने पुलिस थाने में अपनी बेटी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

अभियोजना से मिली जानकारी के अनुसार मृतक के पिता ने कहा कि पांच जून 2017 से उसकी बेटी घर से कहीं चली गई है और कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। पुलिस ने खोजबीन शुरू की। दो दिन बाद बच्ची की लाश कोकान घाटी के जंगल में मिली। नौ जून 2017 को पुलिस ने संदेह के आधार पर झग्गर सिंह यादव को हिरासत में लिया व पूछताछ शुरू की।

पूछताछ में झग्गर राम ने बताया कि पांच जून 2017 को पड़ोसी में रहने वाली 11 वर्षीय बालिका को घुमाने के बहाने जंगल की ओर ले गया। वहां बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। पहचान छिपाने के लिए बालिका की हत्या कर दी और लाश को जंगल में फेंक दिया।

पुलिस ने झग्गर राम के खिलाफ अपहरण,दुष्कर्म और हत्या के आरोप में जुर्म दर्ज कर जेल भेज दिया। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।

सु्प्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के अनुसार मांग जानकार

आरोपी की पारिवारिक पृष्ठभूमि,बच्चों की सुरक्षा, पत्नी व बच्चों के बारे में जानकारी, बच्चों की शिक्षा, आर्थिक भरणपोषण की वास्तविक स्थिति,पूर्व में किसी तरह के अपराध में संलिप्तता तो नहीं रही। रही तो सजायाफ्ता तो नहीं है। आय और रोजगार के साधन व प्रकार,आरोपी की मानसिक स्थिति कैसी है। मानसिक अवसाद तो नहीं। मनोवैज्ञानिक समस्या तो नहीं।

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