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ब्लाइंड डबल मर्डर केस का खुलासा, सेल्फी पॉइंट के पास मिले थे दो शव, पुलिस ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार

रायगढ़। पालीघाट सेल्फी पांइट के पास मिले अज्ञात शवों की 48 घंटे के भीतर शिनाख्तगी और ब्लाइंड मर्डर केस के आरोपियों की धरपकड़ में रायगढ़ पुलिस ने सफलता हासिल की है । विगत 20 मार्च को रायगढ़-उड़ीसा मार्ग थाना तमनार क्षेत्र के पालीघाट सेल्फी प्वाइंट के पास दो अज्ञात व्यक्तियों का शव पड़े होने की सूचना थाना तमनार को प्राप्त हुई थी जिस पर थाना प्रभारी तमनार निरीक्षक प्रवीण मिंज अपने स्टाफ और फारेसिंक टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे ।

संदेहास्पद प्रतीत होने पर थाना प्रभारी तमनार द्वारा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को घटना के संबंध में सूचना दिया गया जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा, थाना प्रभारी घरघोड़ा हर्षवर्धन सिंह बैस और सायबर सेल को लेकर स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्पॉट और शव का बारीकी से निरीक्षण कर थाना तमनार और साइबर सेल की टीम को जल्द से जल्द अज्ञात मृतकों की शिनाख्तगी का निर्देश दिया तथा शव शिनाख्तगी हेतु अपने स्तर पर आसपास के जिलों के अधिकारियों से संपर्क किये जिस दौरान सोशल मीडिया पर मृतकों के फोटो, वीडियो प्रसारण होने पर मृतक के वारिसान शवेंद्र ओझा, प्रतापपुर (उत्तर प्रदेश)के अं द्वारा रायगढ़ KGH अस्पताल आकर एक मृतक की शिनाख्त उसके बड़े भाई प्रवीण ओझा (35 साल) निवासी पटटियाकला थना फतनपुर, प्रतापगढ़ (UP) के रूप में किया और संक्षिप्त में बताया 15 मार्च से उसका भाई प्रवीण ओझा और उसका साथी ड्रायवर पवन उपाध्याय रायगढ़ से लापता हैं, उनका मोबाइल बंद है परिवार वाले चिंतित हैं ।

तब उन्हें ढुंढने अपने साथियों के साथ रायगढ़ आया है । प्रवीण ओझा के साथ दूसरे शव की शिनाख्त पवन उपाध्याय उम्र 38 साल निवासी कलातुलसी थाना कोरनवा जिला भदोही, जिला इलाहाबाद (UP) का होना पता चला । जांच टीम को यह भी जानकारी मिली कि दोनों मृतक ड्राइवर हैं, बालाजी ट्रांसपोर्ट बलौदा बाजार के अधीन ट्रेलर चलाते थे । पुलिस टीम अपनी जांच तेज कर बालाजी ट्रांसपोर्ट से जानकारी जुटाई तब ज्ञात हुआ कि दोनों 12 और 13 मार्च को बडबिल ओड़िशा से रायगढ़ मोनेट 14 मार्च को पहुंचे थे जो 15 मार्च को लगभग 12.00 बजे तक आयरन ओर वाली गाड़ी अनलोड़ करके निकले हैं । जीपीएस ट्रेकर, सीसीटीवी से यह पता चला कि इसके बाद ये दोनों ड्रायवर कलकत्ता ढाबा गये थे और वहां से दुबारा मोनेट रोड़ में शाम 06.30 बजे के बाद मूव्हमेंट किये थे । देर राम में उनका जीपीएस कट-आफ हो गया और मृतकों के मोबाइल भी बंद हो गये ।

थाना तमनार के डबल मर्डर केस की जांच हेतु एसएसपी सदानंद कुमार की स्वयं की मॉनिटरिंग पर एडिशनल एसपी संजय महादेवा के मार्गदर्शन में एसडीओपी खरसिया निमिषा पाण्डेय और एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा के नेतृत्व में सायबर सेल को मिलाकर एक संयुक्त टीम का गठन किया गया । जांच टीम को मृतकों के परिवार और बालाजी कंपनी के कर्मचारियों से तस्दीक करते हुए पता चला कि दोनों ट्रेलर वाहन पुलिस चौकी फगुरम, जिला डभरा में धारा 102 CrPC में जप्त किये गये हैं । वहीं सायबर सेल द्वारा दोनों मृतकों के 15 मार्च की सभी गतिविधियों पर जांच आगे बढ़ाया गया जिसमें 14 और 15 मार्च से मृतकों के ट्रेलर वाहन और उनके मोबाइल की गतिविधियों के विश्लेषण पर मनोज साहू और अजय यादव नामक व्यक्तियों जो इनके संपर्क में आये थे की जानकारी मिली साथ ही फगुरम चौकी ग्राम देवरघटा से जप्त वाहनों के बारे में जानकारी मिली कि इलाके के हिस्ट्रीशीटर नंदु लहरे और जयनंद साहू इन गाडियों के आसपास सक्रिय थे जिनके बारे में तहकीकात पर दोनों मोबाइल बंद कर फरार पाये गये ।

थाना तमनार और सायबर सेल की टीम तकनीकी आधार पर जांच करते हुए मनोज साहू और उसके साले अजय साव को हिरासत में ली जिनसे हिकम्मत अमली से पूछताछ करने पर पता चला कि मनोज साहू और उसका साला अजय साव पूर्व में बालाजी कंपनी में ड्रायवर और हेल्फर का काम करते थे तथा इनका साथी अजय यादव भी बालाजी कंपनी में ड्रायवर था । मनोज साहू, अजय साव और अजय यादव मृतकों को पूर्व से जानते पहचानते थे और पहले से जुनैल खान निवासी मौदहापारा जूटमिल क्षेत्र रायगढ़ और आकाश कहरा जो मूलत: बिलासपुर का है, बाजीनपाली जूटमिल इलाके में रहता है और ड्रायवरी का काम करता है के साथ मिलकर दोनों मृतको के ट्रेलर को लूटने और जुनैल द्वारा खपाने की योजना बनाये थे जिसकी पुष्टि आरोपियों के मेमोरेंडम और कॉल रिकार्ड से भी की गई ।

योजना के अनुसार 14 मार्च से ही मनोज साहू, अजय साव और अजय यादव मृतकों से फोन पर संपर्क में थे और 15 मार्च को कलकत्ता ढाबा से ही मृतकों को फोलो करते हुए मनोज साहू, अजय साव, अजय यादव और आकाश कहरा मृतकों को अतिरिक्त काम दिलाने के बहाने ट्रेलर सहित मोनेट के पास नहरपाली इलाके सुनसान जगह लेकर गये थे, जहां मनोज साहू व अन्य ने पहले उनको शराब पिलाई, खाना बनाये और बाद में मृतकों के नशे में होने का फायदा उठाते हुये पहले प्रवीण ओझा पर ट्रेलर हार्स में ही चाकू और व्हील पाना से गला, सिर पर चोट पहुंचाकर उनकी हत्या कर दिये उसके बाद मृतक पवन उपाध्याय की ट्रेलर के पास जाकर उसको नीचे उतार कर उसे व्हील पाना से वार किये जिससे उसकी मृत्यु हो गई ।

चारों मिलकर दोनों शवों को प्रवीण ओझा वाली ट्रेलर के केबिन में डाल दिये फिर दोनों ट्रेलर के जीपीएस को अलग करने के बाद गाड़ी चलाते हुए चंद्रपुर रोड़ स्थित एक परिचित के दुकान पर जाकर 80 लीटर डीजल ट्रेलर से निकाल कर बेचने गये थे जिसकी पुष्टि उक्त दुकानदारों से भी की गई है । इसके बाद गाडियों को लाकर रात में दो अलग-अलग स्थानों में ओडिशा रोड़ और कोडातराई के पास रखे जिसमें कोड़ातराई में रखे वाहन के केबिन में शव रखे हुये थे जिसके बाद ये लोग मोटर सायकल में बैठकर संस्कार स्कुल के पास आकाश कहरा के घर पर जाकर सो गये ।

अगले पूरा दिन रैकी करने के बाद रात करीब 11-12 बजे पहले शवों वाले ट्रेलर को पोहामिल पटेलपाली के पास लाये वहां से मनोज के अलावा अन्य तीन मिलकर ट्रेलर के हार्स को ट्राली से अलग किये और पालीघाट मेन रोड़ सेल्फी पाइंट के पास वाहन रोककर दोनों शवों को रोड़ किनारे जंगल में फेंक दिये और वापस आकर जुनैल खान से संपर्क किये जो अपने आदमी नंदु लहरे निवासी बरतुंगा, डभरा और जयनंद साहू निवासी खुर्सीपाली खरसिया को आरोपियों से बात कराकर गाड़ी को कटवाने की व्यवस्था करवाया जिसके बाद अजय साव और आकाश कहरा के द्वारा नंदु और जयनंद से संपर्क में रहते हुए वाहनों को फगुरम चौकी इलाके में ग्राम देवरघटा में ईटा भट्टा के पास लेकर गये जहां पहले से रैकी कर रहे राकेश खुंटे निवासी देवरघटा के साथ मिलकर वाहनों को शमसान के पास लगे शेड के समीप खड़ा किये । बाद में सभी नंदु लहरे के फार्म हाउस में आराम किये फिर जुनैल खान से संपर्क किये और दोनों ट्रेलर की चाबी जुनैल को दे दिये और डीजल खर्च का पेंमेंट जुनैल से लेकर अपने-अपने घर चले गये ।

प्रकरण में थाना तमनार में धारा 302, 201, 120बी, 34 आईपीसी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है ।

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