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नयी भर्ती करेंगे, तो तनख्वाह कहां से देंगे ? नेता प्रतिप्रक्ष नारायण चंदेल ने उठाया सवाल

रायपुर । छत्तीसगढ़ में नौकरी का पिटारा खुल चुका है। 13 हजार से ज्यादा पदों पर अब तक वैकेंसी जारी हो चुकी है। इसमें से तो अकेले साढ़े 12 हजार पद शिक्षक के हैं। वहीं वन विभाग, कौशल विकास, वन और स्वास्थ्य विभाग में भी लगातार वैकेंसी आ रही है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों ही कहा था कि जिस भी दिन आरक्षण पर रोक हटेगा, उस दिन अखबारों में सिर्फ नौकरी का विज्ञापन ही विज्ञापन दिखेगा। मुख्यमंत्री ने अपने वादे के अनुरूप सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलते ही नौकरी का पिटारा खोल दिया है।

इधर, नारायण चंदेल ने सरकार द्वारा लगातार निकाली जा रही वैकेंसी को लेकर सवाल उठाये हैं। नारायण चंदेल ने कहा कि इतनी भर्तियां ली जा रही है, लेकिन सरकार उनको सैलेरी कहां से देगी। चंदेल ने कहा कि इतने दिनों तक भर्तियां रूकी रही, प्रमोशन रूका रहा, युवाओं में हताशा और निराशा हुई, तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। सरकारी नहीं चाहती थी, कि यहां भर्ती हो, क्योंकि यहां फंड ही नहीं है। भर्ती करेंगे तो लोगों तनख्वाह कहां से देंगे।

मुख्यमंत्री ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि नारायण चंदेल पूरे बजट में थे और बजट भाषण में मैंने कहा था 3 राज्य हैं जहां कर्जा नहीं लिया गया है। उड़ीसा, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़,हमारी अर्थव्यवस्था इतनी अच्छी है और अगर खराब अर्थव्यवस्था होती तो सारी योजनाओं को हम लागू नहीं कर पाते।चाहे राजीव गांधी किसान न्याय योजना हो। भूमिहीन श्रमिक न्याय योजना हो। गोधन न्याय योजना हो। या फिर अभी बेरोजगारी भत्ता देने की हो इसको हम लागू नहीं कर पाते। जहां तक सैलरी बांटने की बात है तो हमने कोरोना काल में किसी भी कर्मचारी के वेतन में कटौती नहीं की है। जबकि उस समय देश के 6 राज्यों में 30 प्रतिशत कटौती की गई थी।

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