अधिकारी-कारोबारियों के ठिकानों पर ED और IT की रेड, मचा हड़कंप…
रायपुर । छत्तीसगढ़ में आज तड़के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर आई.टी. और ई.डी. की टीम ने छापामार कार्रवाई की हैं। सुबह-सुबह अधिकारी और कारोबारियों के ठिकानों पर रेड की कार्रवाई से प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ हैं। बताया जा रहा हैं कि आईटी और ईडी की टीम ने राजधानी रायपुर सहित रायगढ़,बिलासपुर और कोरबा में रेड की कार्रवाई की हैं।
गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर ईडी और आईटी की धमक से प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ हैं। बताया जा रहा हैं कि दिल्ली से पहुंची ईडी की टीम ने कोयला लेवी व डीएमएफ से जुड़े कार्यो को लेकर कई अफसरों के घर में छापामार कार्रवाई की हैं। वही राजधानी रायपुर में कुछ IAS अफसरों के घर IT की रेड की खबर सामने आ रही हैं।
बता दे कि कल ही रायगढ़ और बिलासपुर में कारोबारी के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ हैं। बताया जा रहा हैं कि ईडी जहां कोयला और डीएमएफ के मामलों को खंगाल रही हैं, वही आईटी की टीम आईएएस अफसर सहित मार्कफेड के अफसरों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर जांच कर रहे हैं। बताया जा रहा हैं कि शुरूवाती जांच में कारोबारियों के ठिकानों से बड़े पैमाने पर बोगस बिल के साथ ही हवाला में पैसों के लेन देन के सबूत मिले हैं।
बता दे कि कथित शराब घोटले के गड़बड़ी के मामले में ED की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, इसके साथ दंडात्मक और कठोर कार्रवाई करने से भी मना किया है, जिसके बाद से ही ED बौखलाई हुई है और आये दिन किसी न किसी अधिकारी और नमी नेताओं के यहा रेड मार रही है. दरअसल प्रवर्तन निदेशालय यानी ED को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। जस्टिस संजय किशन कौल एवं जस्टिस सुधांशु धुलिया की डिवीज़न बेंच ने कथित शराब घोटाला मामले में आज सुनवाई करते हुए ED की कार्यवाही पर रोक लगा थी। कोर्ट ने “प्रेडिकेट ओफेंस के अभाव के कारण किसी भी प्रकार की विवेचना एवं आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
मामले में याचिकाकर्ताओं में अधिवक्ता डॉ अभिषेक मनु सिंघवी, सीनियर अधिवक्ता पुनीत बाली, गोपाल शंकर नारायण, अर्शदीप सिंह खुराना, छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल, भारत सरकार की ओर से ASG एसवी राजू ने अपना पक्ष रखा। याचिकाकर्ता IAS अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर, करिश्मा ढेबर एवं सिद्धार्थ सिंघानिया की ओर से याचिका दायर की गई थी।