कांग्रेस में किसे मिलेगी जांजगीर चांपा सीट से टिकट, संस्पेंस से पर्दा उठने का सभी कर रहे बेसब्री से इंतजार
जिला रिपोर्टर मनीराम आजाद
जांजगीर-चांपा। पूरे प्रदेश में हाइप्रोफाइल सीट के रूप जांजगीर चांपा की चर्चा होती है, जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई है। नामों का पैनल पीसीसी को भेजने के बाद सबके जेहन में यही सवाल कौंध रहा है कि इस सीट से आखिर किसे टिकट मिलेगी? 25 सालों का इतिहास क्या फिर से दोहराया जाएगा? या फिर इस बार किसी नए चेहरे को मौका मिलेगा? इन सभी सवालों से 6 सितंबर को पर्दा हट सकता है। क्योंकि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने 6 सितंबर तक कांग्रेस की उम्मीदवारों वाली पहली सूची आने का दावा किया था। दूसरी ओर, नए व पुराने चेहरे को लेकर चल रहे कश्मकश के बीच मंगलवार को महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष दावेदारों ने बाहरी प्रत्याशी का जमकर विरोध किया था, जिससे धीरे धीरे तस्वीर साफ होने लगी है।
अभी तक के घटनाक्रम से कई बातें साफ होते नजर आ रही है। जिस तरह पैनल में तीन पुराने व तीन नए दावेदारों के नाम भेजने की चर्चा जोरों पर है तो वहीं अब यह भी कहा जा रहा है कि इन्हीं नामों में से किसी एक को टिकट मिलेगी। हालांकि डीसीसी को पैनल के अलावा प्राप्त सभी आवेदनों व प्रस्ताव को भी भेजना है। जांजगीर चांपा सीट के लिए कांग्रेस से कुल 39 लोगों ने आवेदन किया है। इन सबके बीच मंगलवार को कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा मंगलवार को दावेदारों से चर्चा करने पहुंची थी। बताया जाता है इनके समक्ष जांजगीर चांपा के बाहरी दावेदार का विरोध हुआ। बाहरी के रूप में केवल एक ही शख्स की ओर ईशारा होने की बात कही जा रही है, जो दीगर विधानसभा से ताल्लुक रखते हैं। बहरहाल, कांग्रेस के किसी भी दावेदार का इस तरह विरोध करना कहीं न कहीं अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इस संबंध में मीडिया ने जब राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष से इस संबंध में बात की, तो उन्होंने इसे अंदरूनी मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। इधर, जांजगीर चांपा सीट की बात करें तो वर्ष 1998 से लेकर 2018 तक कांग्रेस के पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन और भाजपा के मौजूदा विधायक नारायण चंदेल के बीच ही मुकाबला होते रहा है। ये दोनों नेता जनता की अपेक्षाओं में कितना खरा उतरे हैं, ये तो जनता ही जानती है। फिर से चुनाव की बिसात बिछ चुकी है और टिकट के लिए दांव पेंच शुरू हो गए हैं। अब तक के 25 सालों के इतिहास पर गौर फरमाए तो कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन हर बार अंतिम समय में टिकट लाकर सभी को चौकाया है। क्या इस बार भी मोतीलाल देवांगन अपने पुराने पैतरे में कामयाब होंगे, या फिर किसी नए चेहरे को मौका मिलेगा। ये दिलचस्प सवाल के जवाब का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिससे आगामी 6 सितंबर को पर्दा उठने के आसार है।