जांजगीर चांपा/ मनीराम आजाद। बाराद्वार नगर के श्रीरामजानकी मंदिर से श्रद्धा भक्ति के साथ निकाली गई भव्य शोभायात्रा में मुझें नगर के श्रद्धालुओं के संस्कार , आचरण, संस्कृति और भक्तिभाव के दर्शन हुए । जिस तरह से नगरवासियों ने भक्तिभाव से हाथों में निशानधारी भगवा ध्वज लहराते , नाचते-गाते और भागवत की पोथी के साथ चल रहे थे मुझें दृश्य देखकर बहुत अच्छा लगा। प्रथम दिवस भागवत महापुराण की दिव्यति कथाओं का रसास्वादन कराते हुए श्रद्धेय पंडित आशुतोष शर्मा जी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा महापुराण सुनने से जन्म-जन्मांतर का पुण्य मनुष्य को मिलता हैं । मां से भागवत ,गई से ज्ञान ,व से वैदिक तथा तो से तप मनुष्य को प्राप्त होता हैं । इन चारों शब्दों को मिलाने से ही भागवत शब्द का भावार्थ परिलक्षित हो जाता हैं। नगर के लिए अत्यंत गौरव की बात हैं कि यह नगर के हृदय स्थल पर आयोजन हो रहा हैं। आचार्य शर्मा जी प्रथम दिन की कथा के गुड़ रहस्यों को बड़े ही सुंदर ढंग से बताया । इसके पूर्व श्रीरामजानकी मंदिर से रविवार सुबह दस बजें भव्य कलशयात्रा निकाली गई ।गाजे-बाजें के साथ शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त और महिलाएं भगवा कलर की परिधान व सोने-चांदी के आभूषण से सुसज्जित हाथों में निशान लेकर चल रही थी।जगह-जगह इस भव्य यात्रा का स्वागत-सत्कार शीतल पेय,आइसक्रीम ,चाय कुरकुरे और पुष्प वर्षा करके किया गया । शशिभूषण सोनी ने बताया कि यह शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से परिभ्रमण करती हुई कथास्थल पर पहुंची ।शोभायात्रा में आचार्य पंडित आशुतोष शर्मा बग्गी पर विराजमान थे और लोगों का अभिवादन स्वीकार कर भागवत कथा के लिए आमंत्रण दे रहे थे । सोमवार को द्वितीय दिवस पर आचार्य श्री शर्मा जी ने माता पार्वती और आशुतोष भगवान शिवजी की कथा सुनाई । उन्होनें कहा कि यह हम-सबका सौभाग्य हैं कि इंद्रदेव की कृपादृष्टि से वर्षा हो रही हैं । यह आयोजन आप-सबके प्रयास से ही सफल होगा प्रतिदिन भागवत कथा का रसास्वादन करने के लिए जरुर आये । कथा प्रतिदिन दोपहर तीन बजें से सायंकाल सात बजें तक होगी । आयोजक बंधुओं ने रसपान करने भक्तों को आमंत्रित किया हैं ।
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