छत्तीसगढ़

BJP के हेलीकॉप्टर से कुसमी पहुंचे कांग्रेस MLA चिंतामणि महाराज….

बलरामपुर । बलरामपुर जिला के सामरी विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद कांग्रेस विधायक चिंतामणी महाराज के तेवर बदले-बदले से नजर आ रहे है। रविवार को बीजेपी के हेलीकॉप्टर से जब चिंतामणी महाराज रायपुर से कुसमी पहुंचे…..तो प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी। कुसमी में हेलीकॉप्टर उतरने के बाद बकायदा बीजेपी के नेताओं ने चिंतामणी महाराज का स्वागत भी किया। लेकिन कांग्रेस विधायक ने अब तक अधिकारिक तौर से बीजेपी प्रवेश की घोषणा नही की है। उधर कुसमी में आज हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम और हेलीकॉप्टर पालिटिक्स के बाद राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

छत्तीसगढ़ में शाम ढलते ही अब तापमान गिरने के साथ ही गुलाबी ठंड का अहसास होने लगा है।। लेकिन सूबे में चुनाव से ठीक पहले राजनीति में आये दिन तापमान बढ़ता ही जा रहा है। टिकट कटने के बाद बागी बने नेताओं ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की चिंता बढ़ा दी है। कांग्रेस के टिकट वितरण में इस बार 22 सिटिंग विधायकों के टिकट काट दिये गये। टिकट कटने वाले विधायकों में बलरापुर के सामरी से विधायक चिंतामणि महाराज का टिकट काटकर पार्टी ने इस बार विजय पैकरा को अपना प्रत्याशी बनाया है। उधर कांग्रेस से टिकट कटने के बाद से विधायक चिंतामणी महाराज की नाराजगी भी खुलकर सामने आयी।

22 अक्टूबर को बृजमोहन अग्रवाल चिंतामणी महाराज से मिलने बकायदा हेलीकॉप्टर से कुसमी और श्रीकोट पहुंचे थे। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद चिंतामणि महाराज ने अंबिकापुर से टिकट मिलने पर बीजेपी में शामिल होने की शर्त रख दी थी। वहीं बीजेपी चिंतामणी महाराज को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने का भरोसा दिलाकर अपने पक्ष में समर्थन चाह रही थी। इस बैठके के बाद ही बीजेपी की लिस्ट भी आयी, जिसमें अंबिकापुर से राजेश अग्रवाल को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बना दिया। बीजेपी की लिस्ट आने के बाद चिंतामणी के भाजपा प्रवेश की अटकलों पर कुछ समय के लिए विराम लग गया था। लेकिन इसके बाद रविवार को जब एक बार फिर चिंतामणी महाराज बीजेपी के हेलीकॉप्टर से कुसमी पहुंचे तो राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।

रविवार को भी मीडिया से बातचीत में चिंतामणी महाराज ने बीजेपी प्रवेश की अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों से उनके अच्छे संबंध हैं, इसलिए वो मिलने और चुनाव में अपने प्रत्याशी का सहयोग करने की उम्मीद के साथ आए थे।आपको बता दे कि प्रदेश में आचार संहिता लागू है, लिहाजा कुसमी के कॉलेज ग्राउंड में में हेलीकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति भी बीजेपी जिला उपाध्यक्ष ओम प्रकाश ने जिला प्रशासन से ली थी। चिंतामणी महाराज जब दोपहर के वक्त कुसमी पहुंचे,तो बीजेपी के सामरी विधानसभा प्रभारी गौरीशंकर अग्रवाल समेत कई नेताओं ने हेलीपेड में पहुंचकर उनका स्वागत किया। गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि हम चिंतामणि के सामने सामरी के बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष सहयोग देने की गुजारिश लेकर आए थे।

गौरतलब है कि चुनावी साल में जिस तरह से प्रदेश में एक के बाद एक राजनीतिक समीकरण बदल रहे है। उससे साफ है कि राजनेता और राजनीतिक दल एक-दूसरे पार्टी के बागियों को साधने में जुटी हुई है,ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में उनके प्रत्याशी और पार्टी को इसका फायदा सीधे तौर पर मिल सके। खैर चिंतामणि महाराज के राजनीतिक पृष्ठभूमि पर जाये तो आज से करीब 11 साल पहले उन्होने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। साल 2013 में वो कांग्रेस के टिकट पर लुंड्रा सीट से विधायक बने। इसके बाद साल 2018 में चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने सामरी से प्रत्याशी बनाया और वो दूसरी बार सामरी से भी विधायक चुने गए।

रमन सरकार के पहले कार्यकाल में चिंतामणि महाराज 2004 से 2008 तक राज्य संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। बीजेपी की अनदेखी से नाराज होकर उन्होंने 2008 में बगावत करते हुए सामरी से ही निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा। लेकिन अब एक बार फिर कांग्रेस पार्टी की उपेक्षा से नाराज चिंतामणी महाराज फिर से घर वापसी का मूंड बनाते नजर तो आ रहे है, लेकिन अपने शर्तो के साथ। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि बीजेपी से मिले लोकसभा टिकट के आॅफर के बाद क्या मौजूदा विधानसभा में चिंतामणी महाराज न्यूटल रहते है, या फिर उनकी नाराजगी का खामियाजा कांग्रेस प्रत्याशी को झेलना पड़ता है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

 

 

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