
धमतरी। धमतरी विधानसभा का चुनावी इतिहास देख तो अब तक भाजपा लगातार दो चुनाव नहीं जीत पाई है, वही कांग्रेस अब तक जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाई है। यहां दो बार कांग्रेस व दो बार भाजपा विजय होते आई है। इस चुनाव में देखना होगा कि भाजपा क्या लगातार दो बार चुनाव जीत जाती है या कांग्रेस भाजपा के अजेय रथ पर विराम लगाती है।
भाजपा के लिए चुनौती
बता दंे कि, भाजपा ने विधायक रंजना साहू को दोबारा मैदान में उतारा है। लेकिन देखा जा रहा कि पार्टी में एकजुटता नजर नहीं आयी है। पार्टी के कई प्रमुख नेता अब तक प्रचार में नजर नहीं आए है। इनमें पूर्व विधायक से लेकर पूर्व नपाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी आदि शामिल है। यहाँ तक की पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के खास शिपासल्हार रहे नेता भी अब तक प्रचार में नहीं दिखे है। कुछ तो पड़ोसी विधानसभा में सक्रिय हो गए है। मानो उन्हें धमतरी विधानसभा से कोई मतलब नहीं है।
वहीं चुनाव संचालक नए नवेले हाथों में दिख रहा है। अगर भाजपा की हार हुई तो कुछ युवा नेता पर पूरा ठीकरा फोड़ने की स्क्रिप्ट लिख ली गयी है। खैर अभी चुनाव को 10 दिन शेष है, इसमें पूरे भाजपाई दमखम लगाए तो इतिहास रच सकते है। दूसरी ओर कांग्रेस की बात करे तो कई स्थानीय बड़े नेता खुद प्रत्याशी को नहीं पचा पा रहे लेकिन वह प्रचार में नजर आ रहे है। यहां पार्टी आलाकमान ने बारीकी से नजर रखकर कांग्रेस नेताओं को एक्टिव कर दिया है इसका कितना असर चुनाव पर पड़ेगा यह परिणाम आने पर ही स्पष्ट होगा।
कौन सी पार्टी कब जीती थी?
वहीं बात करें धमतरी विधानसभा के पिछले चुनाव नतीजों की तो 2003 में धमतरी विधानसभा से भाजपा ने जीत दर्च की थी। वही लगातार दो बार विधानसभा चुनाव 2008 और 2013 के कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी और 2018 में भाजपा ने जीत दर्ज की