छत्तीसगढ़

जानिए कैसे लगता है पितृ दोष? फटाफट नोट कर लीजिए लक्षण और उपाय…

नई दिल्ली : किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद उस व्यक्ति का विधिवत रूप से अंतिम संस्कार, श्राद्ध एवं तर्पण न किया जाए तो उसकी आत्मा पृथ्वीलोक पर भटकती है. उनके पीढी को पितृ दोष लगता है. ऐसे परिवार में जन्मे वंशजों को पुरे जीवन में अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं, तथा यह दोष एक पीढी से अगली पीढी तक कष्ट पहुंचाती है. पितृ दोष का निवारण नारायण बलि पूजा से होता है तथा नागबली पूजा से सर्प या नाग की हत्या से निर्मित दोष का निवारण होता है.

.अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजे प्रभु श्रीराम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की प्राण प्रतिष्ठा पितृदोष के लक्षण पितृ दोष के कारण व्यापार या नौकरी में किसी प्रकार का नुकसान भी हो सकता है. शादी में किसी तरह की रुकावट आ सकती है या शादी के बाद मामला तलाक तक पहुंच सकता है. यदि कोई दम्पति अनेक उपाय करने के बाद भी संतान सुख से वंचित है. या जन्म लेने वाला बच्चा मंदबुद्धि, विकलांग आदि होता है या बच्चा पैदा होते ही मर जाता है. अगर घर में रहने वाले लोगों के बीच किसी न किसी बात पर बहस होती रहती है तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है.

पितृदोष के कारण व्यक्ति को दुर्घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है. पितृ दोष कैसे लगता है मृत्यु के बाद यदि विधि-विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए तो पितृ दोष लगता है. असामयिक मृत्यु की स्थिति में परिवार के सदस्यों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का सामना करना पड़ता है. माता-पिता का अपमान करने और उनकी मृत्यु के बाद परिवार के सदस्यों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने से पूरे परिवार पर पितृ दोष लगता है. सांप को मारने के कारण. पितृ दोष का संबंध सर्प से होता है. पितरों का श्राद्ध न करना. पीपल, नीम या बरगद का पेड़ काटना

 

 

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