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छत्तीसगढ़ धरोहर रत्न सम्मान से नवाजे गए नगर के युवा साहित्यकार

खरोरा। नगर खरोरा के युवा फिल्मकार पत्रकार और राजभाषा बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्ररथ गर्व को 15 फरवरी विश्व प्राचीन गहना दिवस समारोह के मंच पर छत्तीसगढ़ धरोहर रत्न सम्मान से नवाजा गया, इस मौके पर प्रदेशभर के समाजसेवी,भाषाविद और अपने कार्यक्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखने वाले विभूतियों को भी सम्मानित किया गया।

नगर खरोरा प्रदेशभर में साहित्य, फिल्म और कला जगत को चमकाने वाले विभूतियों को लेकर एक अलग पहचान रखता है जिनमें गजेन्द्ररथ एक विशिष्ट नाम है, एक फिल्म लेखक के रूप में अपने कैरियर की शुरुवात करने वाले गजेन्द्ररथ की लिखी कई फिल्में छोलीवुड की पहचान है वहीं अपने कैरियर में एक पत्रकार के रूप में भी उनकी एक अलग पहचान है, प्रतिष्ठित टीवी चैनल के राजभाषा विभाग में प्रसारित समाचार और विविध कार्यक्रम के लिए गजेंद्ररथ को पहले भी सम्मानित किया जा चुका है।

छत्तीसगढ़ी भाषा में प्राथमिक शिक्षा की शुरुवात की मांग को लेकर सालों तक खुले पांव रहते हुए गजेन्द्र ने राजभाषा के लिए प्रदेशवासियों में भावना जागृत की जिसके बाद लगातार राजभाषा बचाओ मंच के माध्यम से छत्तीसगढ़ी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

नगर के साहित्यकार स्व.रथ कुमार वर्मा की साहित्य यात्रा को आगे ले जाते हुए गजेन्द्ररथ कला साहित्य और फिल्म जगत में छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रतिनिधित्व को लेकर लगातार काम कर रहे हैं, प्रदेश की वन,वनस्पति और वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भी गजेंद्र की टीम काम कर रही है, प्रदेश में हसदेव जंगल बचाने की मुहिम में उनकी भूमिका लगातार बनी हुई है, आने वाले दिनों में हसदेव के संरक्षण के लिए देश और प्रदेशवासियों को जोड़ने राजधानी रायपुर में एक विशाल मानव श्रृंखला अपने संगठन और आम जनता संग मिलकर करने जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ धरोहर रत्न सम्मान को लेकर गजेन्द्र ने कहा की कोई भी काम सम्मान पाने की गरज से नही की जाती सम्मान एक तरह से ऊर्जा है हमारे अनवरत बने रहने के लिए, उन्होंने कहा की हर इंसान एक मक़सद से यहां है उसे पहचानना और पूरा करना ही जीवन का लक्ष्य है।

लेखक पिता को लिखते देख कर किशोरावस्था से लिखने लगे थे कहानियां-

तब के गांव खरोरा में एक पत्रकार,कहानीकार के रूप में पहचाने जाने वाले पिता रथ कुमार वर्मा से साहित्य और लेखन की प्रेरणा पाने की बात कहते हुए गजेन्द्ररथ ने बताया की वे किशोरावस्था से ही अखबारों, पत्रिकाओं में कहानियां लिखा करते थे चंपक नाम से प्रकाशित बाल पत्रिका में प्रकाशित उनकी कहानियां राष्ट्रीयस्तर पर प्रसंशा पाती रही हैं, पुणे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में फिल्म निर्माण का अध्ययन करते कई हिंदी फिल्मों और टीवी सीरियल्स का लेखन करते हुए वर्ष 2006 से छत्तीसगढ़ी सिनेमा में सक्रिय हैं प्रादेशिक फिल्म बैर के निर्माता और लेखक के रूप में अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाले गजेन्द्र रथ आज दर्जनों छत्तीसगढ़ी फिल्म के पटकथा लेखक के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं और लगातार राजभाषा छत्तीसगढ़ी को प्रचारित प्रसारित करने में लगे हैं।

खरोरा में अखबार बांटते हुई थी पत्रकारिता की शुरुआत-

पत्रकारिता जगत में नाम बनाने को लेकर गजेंद्ररथ बताते हैं की उनका पत्रकारिता को लेकर रुझान तब से था जब वे अपने पिता के अखबार एजेंसी में पेपर बांटने का काम करते थे,तभी से वे लोगों की समस्याओं शासन की योजनाओं पर कलम चलाया करते और ‘आपकी बात’ जैसे मंच पर जनसरोकार की आवाज बुलंद करते थे।

पिता से विरासत में मिली पत्रकारिता और लेखन

कला और साहित्य से जुड़े पिता से गजेन्द्र को इन विधाओं का ज्ञान विरासत में मिली, एक फिल्म लेखक के तौर पर आज छत्तीसगढ़ फिल्म जगत में स्थान है। छत्तीसगढ़ी भाषा में बनने वाली टीवी विज्ञापन फिल्म स्क्रिप्ट राइटर के रूप में गजेंद्र जाने जाते हैं।

खरोरा का मान बढ़ाने पर मिली बधाइयां

फिल्म, साहित्य और पत्रकारिता में काम करते हुए छत्तीसगढ़ धरोहर रत्न सम्मान पाकर प्रदेश और देशभर में नगर खरोरा को गौरवान्वित करने पर नगर के गुरुजनों, वरिष्ठजनों के साथ मीडिया के साथियों ने गजेन्द्ररथ को बधाई दी है।

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