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देश में आएगी तानाशाही, मोदी सरकार के किस फैसले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कह ही ये बात……  

भोपाल:- बीजेपी की तरफ से ‘वन नेशन, इलेक्शन’की मांग उठ रही है. पार्टी का कहना है कि देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए. इस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वन नेशन, वन इलेक्शन किसी भी सरकार को तानाशाही बना देगा. उन्होंने हर छह महीने में चुनाव करवाने की वकालत की है. ओवैसी ने कहा, हर पार्टी को चुनाव लड़ना होता है. बीजेपी इस पर जो कुछ कह रही है, उससे कोई हैरानी नहीं है. सिर्फ हैरानी वाली बात ये है

कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि वह हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरियां देंगे. क्या उन्होंने ये वादा पूरा किया है. एआईएमआईएम चीफ ने आगे सवाल किया, पीएम मोदी भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की बात करते हैं. क्या पीएम ये बता सकते हैं कि देश की प्रति व्यक्ति आय कितनी है.”*चीन को क्यों नहीं रोक पाई मोदी सरकार*चीन के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “पीएम मोदी की सरकार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए को हमारी 2000 स्क्वायर किलोमीटर की जमीन को कब्जाने से नहीं रोक पाई है. एलएसी पर 55 पेट्रोलिंग प्वाइंट्स में से हमने 15 प्वाइंट्स गंवा दिए हैं. ये बातें वहां के वर्तमान एसपी ने कही हैं.” चीन और भारत के बीच सीमा पर 2020 से ही तनावपूर्ण माहौल है. भारत ने चीन की हर नापाक चाल से निपटने के लिए बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए हैं

चुनाव से पहले सरकार ने घटाई पेट्रोल की कीमतें- असदुद्दीन ओवैसी

हैदराबाद सांसद ओवैसी ने हाल ही में घटाई गई पेट्रोल की कीमतों को लेकर भी सवाल किया और पूछा कि आखिर चुनाव के समय ही दाम क्यों कम किए गए. ओवैसी ने कहा, “चुनाव से पहले ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी क्यों की गई हैं. चुनाव से तीन-चार महीने पहले ऐसा क्यों नहीं किया गया. हाल ही में सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दो रुपये की कमी की. इसे लेकर विपक्ष के नेता लगातार कह रहे हैं कि ऐसा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया है.

हर 6 महीने में चुनाव की जरूरत- ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा, “भारत को हर 6 महीने में चुनाव की जरूरत है. इसे ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की जरूरत नहीं है. यह किसी भी सरकार को तानाशाही बना देगा और यह संघवाद का उल्लंघन करता है जो हमारे संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है।

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