छत्तीसगढ़

गढ़बो बचपन’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत नई शिक्षा नीति 2020 के तहत ECCE के सुदृढीकरण के लिए द्वितीय कार्यशाला, आँगनवाड़ी पर्यवेक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण

रायपुर: ‘गढ़बो बचपन’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत नई शिक्षा नीति 2020 के तहत रायपुर जिले के लगभग 1800 आँगनवाड़ियों में ECCE के सुदृढीकरण एवं निरंतर सहायक पर्यवेक्षण के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । यह कार्यशाला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एडुवीव फाउंडेशन के सहयोग से होटल महिंद्रा, रायपुर में आयोजित की गई । कार्यशाला में आँगनवाड़ी पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।

कार्यशाला में शिशु शिक्षा देखभाल (ECCE) के सुदृढीकरण के लिए ‘गढ़बो बचपन’ प्रोजेक्ट को जिले के सभी आँगनवाड़ियों में जमीनी स्तर पर शत प्रतिशत लागू करना, प्रारम्भिक वर्षों के लिए शिक्षा प्रणाली को समझना, ECCE के लिए दैनिक शिक्षण योजना के क्रियान्वयन तथा आँगनवाड़ियों के गुणवत्ता के 7 मानक (आधारभूत संरचना, समुदाय की सहभागिता, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण एवं सुरक्षा, अकादमिक प्रबंधन, शिक्षण अधिगम प्रक्रिया, प्रशिक्षण तथा आकलन) पर निरंतर सहायक पर्यवेक्षण के लिए प्रशिक्षित किया गया।

रायपुर जिले के समस्त आँगनवाड़ियों को प्रदर्शनात्मक मॉडल बनाने का मुख्य विषय रहा । पर्यवेक्षकों को महिला एवं बाल विकास विभाग तथा एडुवीव फाउंडेशन के समस्त अधिकारियों के साथ मिलकर दैनिक शिक्षण योजना के क्रियान्वयन, शिक्षण अधिगम सामग्री बनाने, आगामी दो माह की माइक्रो इम्प्रूव्मन्ट प्लान तथा सहायक पर्यवेक्षण के माध्यम से आँगनवाड़ियों को मजबूत करने के कौशल विकसित किए गए ।

इस कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग, छत्तीसगढ़, रायपुर के उपसंचालक सुनील शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा, एडुवीव फाउंडेशन के निदेशक अमिता कौशिक तथा रायपुर जिले के समस्त CDPO ने पर्यवेक्षकों को ECCE के सुदृढीकरण के लिए सहायक पर्यवेक्षण द्वारा आंगनवाड़ियों कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना तथा समुदाय की सहभागिता को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया साथ ही आगामी 6 माह में रिफ्रेशर प्रशिक्षण कराए जाने की बात की गई । प्रति माह सभी पर्यवेक्षकों से समीक्षा बैठक करने की बात भी रखी गई।

प्रशिक्षण के दौरान, एडुवीव फाउंडेशन की टीम से किरण पांडे तथा बैतानिक घोष ने पर्यवेक्षकों को शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रदर्शनात्मक मॉडल लगाकर खुद से बनाने के लिए प्रेरित किया गया साथ ही रोचक गतिवधियाँ कराई गई ।

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