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महिला ने 10 पुरुषों से की शादी, और लगाए बलात्कार के आरोप, जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा…

कर्नाटक : एक महिला ने 10 पुरुषों से शादी की और उनके साथ यौन संबंध बनाए, लेकिन अब उसने उन सभी पर बलात्कार का आरोप लगाया है। इस केस की सुनवाई कर रहे कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक (DG-IGP) को निर्देश दिया कि वे संदिग्ध महिला दीपिका की जानकारी राज्यभर के पुलिस थानों में डिजिटल रूप से प्रसारित करें और उन्हें उसकी शिकायतों से सतर्क रहने के लिए कहें।

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कर्नाटक के हासन जिले के सकलेशपुर में कॉफी बागान मालिक पीके विवेक और उसके परिवार के खिलाफ चल रहे केस को रद्द करने के बाद यह निर्देश दिया। विवेक और दीपिका का परिचय 28 अगस्त, 2022 को मैसूर के होटल ललित महल पैलेस में एक व्यापारिक बैठक के दौरान हुआ था, जिसके बाद दोनों के बीच संबंध बने।

कुछ महीनों बाद, 8 सितंबर, 2022 को दीपिका ने विवेक के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई। कुशालनगर पुलिस ने मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन 19 सितंबर 2022 को दीपिका ने एक दूसरी शिकायत दायर की, जिसमें उसने आरोप लगाया कि विवेक ने उससे शादी की और फिर उसे छोड़ दिया।

यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा, जहां विवेक और उसके परिवार ने दलील दी कि वे दीपिका द्वारा दर्ज किए गए 10वें मामले का शिकार हुए हैं। उन्होंने तर्क किया कि उनके परिवार के सदस्यों को बिना वजह इसमें घसीटा गया है।

न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने बताया कि दीपिका ने 2011 से अब तक बलात्कार, क्रूरता, धमकी और धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए विभिन्न पतियों और साथियों के खिलाफ 10 शिकायतें दर्ज कराई हैं। इनमें से अधिकांश शिकायतें बेंगलुरु के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज की गईं, और चिक्काबल्लापुर तथा मुंबई में भी एक-एक मामला दर्ज किया गया।

कोर्ट ने कहा कि कई मामलों में ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया था और पीड़ितों ने दीपिका के खिलाफ जबरन वसूली और अन्य अपराधों के आरोप लगाते हुए पांच शिकायतें दर्ज की थीं। जज ने टिप्पणी की कि शिकायतकर्ता बार-बार अनुपस्थित रही है और उसके द्वारा दर्ज किए गए मामलों में एक समान ट्रेंड देखा गया है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता की हरकतें हनी ट्रैप की हद तक पहुंच चुकी हैं। उन्होंने इसे एक दशक पुरानी धोखाधड़ी की गाथा मानते हुए कहा कि शिकायतकर्ता लगातार झूठ बोल रही है और बिना ठोस सबूत के केस दर्ज करवा रही है। जज ने यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में जिस पुलिस थाने में शिकायतकर्ता केस दर्ज करवाना चाहे, उसे उचित प्रारंभिक जांच किए बिना केस दर्ज नहीं करना चाहिए।

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