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ग्रामीण भारत की बेटियों को सशक्त बना रहा ‘प्रोजेक्ट पंछी’..

रायपुर  : बेटियाँ देश का गौरव हैं। बेटियों को सशक्त बनाने का मतलब है देश के भविष्य को सशक्त बनाना। बेटियाँ हर क्षेत्र में तरक्की कर रही हैं, जरुरत होती है, तो सिर्फ उन्हें प्रोत्साहित करने की। वेदांता एल्युमीनियम का ‘प्रोजेक्ट पंछी’ इस क्षेत्र में उम्दा काम कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस पर इस प्रोजेक्ट की सफलता से कंपनी ने सभी को रूबरू कराया है, जिसका लक्ष्य भारत के आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों की 1,000 युवा लड़कियों को सशक्त बनाना है।

मार्च 2023 में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट के तहत, वेदांता ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों से 190 लड़कियों को ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाया है। इस पहल का उद्देश्य बेटियों को स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता सिखाना है। प्रोजेक्ट पंछी उन बेटियों की भी मदद कर रहा है, जो पहली बार पढ़ाई कर रही हैं।

वेदांता के सीईओ, जॉन स्लावेन ने बताया कि कंपनी शिक्षा और सशक्तिकरण में विश्वास करती है। वेदांता का लक्ष्य वर्ष 2030 तक अपने कार्यबल में 30% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, वेदांता महिलाओं के लिए सुरक्षित और समावेशी कार्यस्थल बनाने के लिए भी प्रयासरत है। प्रोजेक्ट शक्ति के तहत, महिलाओं को नौकरी के लिए नए अवसर दिए जा रहे हैं।

यह पहल विशेष रूप से उन लड़कियों की शैक्षिक और रोजगार की जरूरतों पर ध्यान देती है, जो वित्तीय और सामाजिक बाधाओं के कारण आगे की पढ़ाई करने और सफल करियर बनाने में कई कठिनाइयों का सामना करती हैं। इस तरह, वेदांता एल्युमीनियम ग्रामीण बेटियों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।

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