DIWALI PUJA VIDHI : दिवाली की पूजा विधि , ऐसे करें दिवली पर लक्ष्मी पूजन…
Diwali 2024 : दिवाली के पावन दिन मां लक्ष्मी से धन और भगवान श्री गणेश से ज्ञान देने की विनती श्रद्धालु करते हैं। मुख्यत: शाम में देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसलिए पूजा अत्यंत प्रसन्नता और भक्ति के साथ की जाती है।
माना जाता है मां लक्ष्मी लोगों के जीवन में समृद्धि, धन और शांति भी लाती हैं। यह त्योहार बहुत खुशी तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग एक साथ इकट्ठे होते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान राम लंका में रावण का वध कर वापस अयोध्या लौटे थे। हर कोई दीप जलाकर उनका स्वागत कर रहा था। भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद वापस अयोध्या लौटने की उसी खुशी को आज भी दिवाली के रूप मेंमनाया जाता है। दीपावली को रोशनी का पर्व भी कहा जाता है।
आइए जानते हैं, दिवाली की पूजा-विधि और सामग्री लिस्ट-
1. दिवाली पूजा पर सफाई महत्वपूर्ण है। घर को अच्छी तरह से साफ कर गंगाजल छिड़कना चाहिए। घरों को दीपलरी, मोमबत्ती से रोशन तथा रंगोली, फूलों की माला, केला व अशोक के पत्तों से तोरण द्वार बनातेहैं।
2. पूजा स्थल पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं। बीच में कुछ दाने रखें। चांदी या कांसे के कलश में पानी रखें। कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दानेडालें। कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें।
3. कलश के दाहिनी ओर दक्षिण-पश्चिम दिशा मेंभगवान गणेश की मूर्ति या फोटो तथा बीच मेंदेवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें। छोटी थाली पर चावल का छोटी सी चपटी आकृति बनाएं। उस पर हल्दी से कमल का फूल डिजाइन करें, कुछ पैसे डालेंत था मूर्ति के सामने रख दें।
4. अपनी अकाउंट बुक, धन व बिजनेस से संबंधित अन्य वस्तुए मूर्ति के सामने रखें। तिलक लगाएं, एवं फूल चढ़ाएं और मूर्तियों के सामने दीया जलाएं। अपनी हथेली में फूल रखें और आंखें बंद करके मंत्र का जाप करें। फूल को गणेश और लक्ष्मी को भेंट करें।
5. लक्ष्मी की मूर्ति को जल स्नान के रूप में पंचामृत अर्पित करें। देवी को मिठाई, हल्दी, कुमकुम चढ़ाएं और माला पहनाएं। अगरबत्ती या धूप जलाएं। फिर नारियल, सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएं। मांलक्ष्मी की आरती करें। घंटी बजाएं।
पूजन सामग्री की लिस्ट-
लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा, सरस्वती जी की प्रतिमा, कमल व गुलाब के फूल, पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, मिठाई, फूल, दूध, गंगाजल, इत्र, खील, बताशे, मेवे, शहद, दही, दीपक, रुई , कलावा, पानी वाला जटाधारी नारियल, तांबेका कलश, स्टील या चांदी का कलश, चांदी का सिक्का, आटा, तेल, लौंग, लाल या पीला कपड़ा, घी, चौकी और एक थाली।