महासमुंद। महासमुंद वनमंडल के बागबाहरा वनपरिक्षेत्र के ओंकारबंद इलाके में वन्यजीवों के शिकार और खाल की तस्करी का मामला सामने आया है। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपसंचालक ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चितल की खाल और तेंदुए की खाल के टुकड़ों के साथ पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
बता दें कि उपसंचालक को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग चितल की खाल को बेचने की फिराक में हैं। सूचना के आधार पर उपसंचालक ने खरीददार बनकर आरोपियों को पकड़ने की योजना बनाई। टीम ने ओंकारबंद पहुंचकर दस हजार रुपये में खाल खरीदने का सौदा तय किया। जैसे ही आरोपी खाल लेकर पहुंचे, उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में मानसिंग 40 वर्ष निवासी चुरकी, सुकालु 45 वर्ष निवासी मरार कसीबाहरा, हरक 40 वर्ष निवासी मरार कसीबाहरा, गिरधर ध्रुव 38 वर्ष निवासी चुरकी व पिलाराम बेलदार 50 वर्ष निवासी चुरकी है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने एक महीने पहले ओंकारबंद के जंगलों में चितल का शिकार किया था। शिकार के बाद मांस को खा लिया गया और खाल को बेचने की योजना बनाई गई थी। वन विभाग ने चितल की पूरी खाल और तेंदुए के सिर की खाल जब्त की है। आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9, 39(3), 44(1), 48 और 51 के तहत मामला दर्ज कर बागबाहरा न्यायालय में पेश किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ आदतन शिकारी बताए जा रहे हैं। इनकी गतिविधियों पर वन विभाग पहले से नजर रखे हुए था। उपसंचालक ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने सूझबूझ से कार्रवाई की, जिससे एक बड़ा नेटवर्क उजागर हो सकता है।