BJP में शामिल हुए कैलाश गहलोत, दिल्ली चुनाव से पहले AAP छोड़ने की क्या वजह…
नई दिल्ली। दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका देते हुए वरिष्ठ नेता एवं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार (17 नवंबर) को पार्टी छोड़ दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं में पीछे छूट गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफे के एक दिन सोमवार (18 नवंबर) को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। नई दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में सीनियर नेताओं की मौजूदगी में गहलोत भगवा पार्टी में शामिल हुए।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे अपने त्यागपत्र में 50 वर्षीय गहलोत ने कहा, “लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।” AAP का महत्वपूर्ण चेहरा रहे गहलोत ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए ‘शीशमहल’ जैसे कुछ ‘शर्मनाक’ विवादों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इससे सभी को संदेह होता है कि क्या हम अब भी खुद को ‘आम आदमी’ मानते हैं।
गहलोत ने ‘शीशमहल’ विवाद का जिक्र BJP नेताओं के उस आरोप की पृष्ठभूमि में किया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने ‘6 फ्लैगस्टाफ रोड’ स्थित अपने पूर्व आधिकारिक आवास पर महंगी चीजों और आधुनिक सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। BJP ने केजरीवाल के आवास को “शीशमहल” कहा था।
AAP का पलटवार
AAP नेताओं ने कहा कि गहलोत प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के मामलों का सामना कर रहे हैं। इसलिए उनके पास भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। AAP के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा, “कैलाश गहलोत पर कई बार ईडी, आयकर विभाग के छापे पड़ चुके हैं। वह पांच साल तक सरकार का हिस्सा थे और भाजपा लगातार उनके खिलाफ साजिश कर रही थी, उनके पास भाजपा के साथ जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था…वह अब वही दोहरा रहे हैं जो भाजपा कहती है। यह भाजपा की साजिश है।”
BJP ने कहा कि गहलोत ने अतीत में कई अन्य लोगों की तरह पार्टी छोड़ दी क्योंकि AAP अपने संयोजक अरविंद केजरीवाल के हितों की सेवा के लिए अपने मूल्यों से दूर चली गई। AAP पर तीखे वार करते हुए BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘आम’ आदमी पार्टी ने ‘खास’ बनने के लिए अपने राजनीतिक मूल्य बदल लिए।
नजफगढ़ से विधायक गहलोत ने तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सूत्रों ने बताया कि गहलोत के विभाग मुख्यमंत्री के पास ही रहेंगे। इस संबंध में एक पत्र दिल्ली के उपराज्यपाल को उनकी मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।
AAP के कई नेताओं ने छोड़ा केजरीवाल का साथ
अप्रैल में राज कुमार आनंद ने AAP सरकार में समाज कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी छोड़ दी। जुलाई में वह BJP में शामिल हो गए। वहीं, AAP सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आप छोड़ दी और सितंबर में कांग्रेस में शामिल हो गए।
गृह, प्रशासनिक सुधार, आईटी और महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रभारी रहे गहलोत ने कहा कि AAP लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रही है। BJP की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने एक साहसी कदम उठाया है।
गहलोत 2015 से पश्चिमी दिल्ली में जाट बहुल नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि उनके इस्तीफे का असर बाहरी दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में हो सकता है, जहां समुदाय की अच्छी-खासी मौजूदगी है। पिछले साल उनसे राजस्व और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग ले लिए गए थे, जिन्हें आतिशी को सौंप दिया गया था।