बलरामपुर। जिले में विकास कार्यों की असलियत एक बार फिर उजागर हुई है। ग्राम पंचायत इदरीकला के काइखांड बस्ती में एक गर्भवती महिला को एम्बुलेंस तक लेजाने के लिए झेलंगी का सहारा लेना पड़ा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा रहा है कि गर्भवती महिला को झेलगी में बैठा कर उसके परिजन 108 एम्बुलेंस तक ला रहे हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि इस इलाके में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुगंती कोडाकू, जो गर्भवती थीं, और अचानक उसके पेट में तेज दर्द शुरू हुआ। स्थिति गंभीर होते देख परिजनों ने मितानिन के सहारे से 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा को बुलाया। हालांकि, बस्ती तक सड़क न होने के कारण एंबुलेंस केवल खेतों तक ही पहुंच पाई। मजबूरन परिजनों को गर्भवती महिला को झेलंगी में ले जाकर एंबुलेंस तक पहुंचाना पड़ा।
यह घटना इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि काइखांड बस्ती जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में विकास के नाम पर अभी भी केवल कागजी दावे किए जा रहे हैं। बस्ती में सड़क न होने के कारण न केवल गर्भवती महिला को परेशानीयो का सामना करना पड़ा, बल्कि यह क्षेत्र पूरी तरह से बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
मंगलवार को यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। लोग प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठा रहे हैं, जो विकास के बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। वहीं आज तो भगवान के रूप लेकर पहुंचे 108 एम्बुलेंस के जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाया उन्होंने काफी प्रयास किया की कुछ और मरिज नजदीक पहुंच सके जिसके लिए उन्होंने खेत ही में भी एम्बुलेंस को दौड़ाया लेकिन वे भी मरीज तक नहीं पहुंच पाए और उनका प्रयास असफल रहा और नतीजा यह निकला की उनके परिजनों को झेलंगी का सहारा लेकर एम्बुलेंस तक गर्भवती महिला को पहुंचाना पड़ा फिलहाल गर्भवती महिला को जिला चिकित्सालय बलरामपुर में भर्ती करा दिया गया और इलाज जारी।