रायपुर। प्रतिबंधित चाइनीज मांझा ने रविवार को एक सात बरस के मासूम की जान ले ली। बच्चा अपने पिता के साथ बाइक पर बैठकर गार्डन घूमने जा रहा था, तभी उसके गले में मांझा फंस गया और तेजी से खून बहने लगा। बच्चे के पिता लक्ष्मीनगर निवासी धनेश साहू घटना के बाद बदहवास हो गए। आसपास मौजूद लोगों की मदद से वह अपने घायल बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे, पर बच्चे की जान नहीं बची। चाइनीज मांझा से गला कटने की राजधानी में यह तीसरी घटना है। बैन होने के बावजूद इस खतरनाक मांझे का यहां कारोबार जारी है और पतंगबाज इससे परहेज नहीं कर रहे हैं
चाइनीज मांझे की चपेट में आकर जान गंवाने वाले बच्चे का नाम पुष्कर था। लक्ष्मीनगर के रहने वाले इस बच्चे के पिता धनेश साहू पेशे से ऑटोमोबाइल मैकेनिक हैं। घटना टिकरापारा थाना क्षेत्र के राधाकृष्ण मंदिर के पास की है। धनेश के अनुसार, गले में मांझा फंसने से उसका बेटा जोर-जोर से रोने लगा, तब उसने बाइक रोकी और बच्चे को देखा तो गले से खून की तेज धार बह रही थी। इसी दौरान आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े तथा एंबुलेंस की व्यवस्था कर बच्चे के उपचार के लिए अस्पताल लेकर गए। अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। पुष्कर दो भाइयों में सबसे छोटा था। वह दूसरी कक्षा में पढ़ाई कर रहा था। घटना के बाद बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पुष्कर की मौत के बाद भी उसकी मां अस्पताल से लौटने को तैयार नहीं है और अपने बेटे के पास रहने की जिद करती रही ।
बच्चे के गले से खून बहता देख बचाने के लिए दौड़े
संजय नगर मस्जिद के मुतवल्ली सैयद साजिद तथा मोईन चिश्ती के मुताबिक, घटनास्थल के पास ये लोग खड़े थे। इसी दौरान उन्होंने बाइक सवार बच्चे की रोने की आवाज सुनी। रुदन सुन साजिद, मोईन चिश्ती के साथ आसपास के लोग बच्चे की तरफ दौड़े। उन लोगों ने देखा कि बच्चे के गले में मांझा फंसा हुआ है और गले से खून बह रहा है। मोईन चिश्ती तथा साजिद धनेश को ढांढस बंधाते हुए बच्चे को एंबुलेंस में लेकर अस्पताल पहुंचे।
निजी अस्पताल ने बैरंग लौटाया
मांझे की चपेट में आए गंभीर रूप से घायल पुष्कर को उसके पिता सिद्धार्थ चौक तथा बैरनबाजार स्थित एक निजी अस्पताल उपचार कराने के लिए ले गए। दोनों अस्पताल ने पुष्कर की स्थिति को देखते हुए उपचार करने से इंकार कर दिया। इसके बाद धनेश अपने बेटे की जिंदगी बचाने आंबेडकर अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
कटोरा तालाब गार्डन लेजाने के दौरान हुआ हादसा
रविवार होने की वजह से धनेश घर जल्दी पहुंच गया। वह हाथ-मुंह धोकर भोजन कर रहा था। इस दौरान पुष्कर अपने पिता को गार्डन घुमाने ले जाने जिद करने लगा। बाद में घूमने जाने की बात कहने पर पुष्कर रोने लगा। इस दौरान बच्चे के पिता का दिल पसीज गया और धनेश अपने बेटे पुष्कर को बाइक में आगे बैठाकर कटोरा तालाब गार्डन जाने के लिए निकला, इस दौरान यह हादसा हो गया।