
CG High Court : बिलासपुर में कितनी बसें चल रही हैं? राज्य में ई-बस सेवा शुरू करने की योजना पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शहरी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली पर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें न्यायमूर्ति रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने बिलासपुर जिले में संचालित बसों की स्थिति पर चिंता जताई।
कोर्ट ने पूछा कि जिले में कितनी बसें चल रही हैं, जिस पर शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर में कुल 9 बसों में से 6 चालू हालत में हैं और वर्तमान में सिर्फ 5 बसें ही चल रही हैं। शपथ पत्र में कहा गया कि कोविड महामारी और लॉकडाउन के बाद बस संचालन पूरी तरह से ठप हो गया था, जिससे अधिकांश बसें खराब हो गईं। बसें 2014-15 में शुरू की गई थीं और अब लगभग 10 साल पुरानी हो चुकी हैं।
आम जनता को हो रही परेशानी
फिलहाल कुछ बसों को सुधारकर संचालन में लाया गया है। इससे पहले 10 जून की सुनवाई में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि डीजल बसों के स्थान पर अब इलेक्ट्रिक बसें लाई जाएंगी, जिसके लिए मार्च 2024 में ही निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कोर्ट ने इसपर टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्रतीत होता है कि बिलासपुर सहित राज्य के अन्य जिलों में सार्वजनिक परिवहन की कोई व्यवस्थित व्यवस्था नहीं है, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है।
मात्र 5 बसों के सहारे बिलासपुर की यातायात व्यवस्था
इस पर कोर्ट ने सचिव, परिवहन विभाग को विस्तृत शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए थे। अब दिए गए नए शपथपत्र में बताया गया है कि प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और कोरबा के लिए 140 बसें स्वीकृत की जा चुकी हैं। साथ ही रायपुर के लिए 100 मिड साइज बसें भी स्वीकृत हुई हैं, यानी कुल 240 इलेक्ट्रिक बसें राज्य को मिलेंगी। भारत सरकार ने 14 मार्च, 2024 को 4588 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और संचालन के लिए एकीकृत निविदा जारी की है, जिसमें छत्तीसगढ़ को ₹67.40 करोड़ स्वीकृति मिली है। बावजूद इसके, फिलहाल स्थिति यह है कि बिलासपुर जैसे बड़े शहर में मात्र 5 बसों के सहारे शहर की यातायात व्यवस्था टिकी है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर शीघ्र ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और अगली सुनवाई 10 सितंबर 2025 को तय की है।