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CG में डोमिसाइल आधारित आरक्षण को हाई कोर्ट ने किया रद्द, संविधान के अनुच्छेद 14 का बताया उल्लंघन

CG में डोमिसाइल आधारित आरक्षण को हाई कोर्ट ने किया रद्द, संविधान के अनुच्छेद 14 का बताया उल्लंघन

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मेडिकल पीजी प्रवेश में डोमिसाइल आधारित आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच (चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु) ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने डोमिसाइल आधारित आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए पूरी तरह रद्द कर दिया है।

बेंच ने स्पष्ट कहा – “उच्चतर और विशिष्ट मेडिकल कोर्स में प्रवेश योग्यता के आधार पर होना चाहिए। अधिवास/डोमिसाइल आधारित आरक्षण से पेशेवर उत्कृष्टता से समझौता होगा।”

डॉ. समृद्धि दुबे की याचिका पर सुनवाई

याचिकाकर्ता डॉ. समृद्धि दुबे ने अपने वकीलों वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव, अधिवक्ता संदीप दुबे, मानस वाजपेयी और कैफ अली रिजवी के माध्यम से याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया कि मेडिकल PG प्रवेश नियम 2025 के नियम 11(बी) संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करते हैं। राज्य सरकार मेडिकल PG में डोमिसाइल आधारित भेदभाव कर रही है। याचिकाकर्ता ने NEET-PG 2025 में ऑल इंडिया रैंक 75068 प्राप्त की है और नियमों के कारण उन्हें नुकसान होने की बात कही थी।

क्या था विवाद?

पुराने नियम (2021) और नए नियम (2025) दोनों में ही यह प्रावधान था कि पहले प्रवेश छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में MBBS करने वालों को मिलेगा। बाहर से MBBS करने वाले छत्तीसगढ़ मूल निवासी छात्रों को बाद में मौका मिलता था। याचिकाकर्ता के अनुसार यह विद्यापीठ आधारित 100% आरक्षण जैसा था और सीधी-सीधी समानता के अधिकार का उल्लंघन।

राज्य सरकार का पक्ष

राज्य सरकार की ओर से उप-महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही PG में डोमिसाइल-आधारित आरक्षण को खारिज कर चुका है। इसलिए नए नियम 2025 में डोमिसाइल आधारित आरक्षण हटा दिया गया है। केवल संस्थान आधारित वरीयता (Institutional Preference) को रखा गया है, जो मान्य है।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?

डिवीजन बेंच ने आदेश में लिखा PG मेडिकल में डोमिसाइल आधारित आरक्षण अस्वीकार्य है। यह अनुच्छेद 14 का स्पष्ट उल्लंघन है। योग्यता आधारित चयन ही पेशेवर उत्कृष्टता को बनाए रखता है। राज्य कोटे की सीटें अखिल भारतीय मेरिट के आधार पर भरी जानी चाहिए। संस्थान आधारित 50% वरीयता दी जा सकती है, लेकिन डोमिसाइल आधारित नहीं। कोर्ट ने नियम 11(ए) और 11(बी) को रद्द कर दिया। राज्य को निर्देश दिया गया है कि इन प्रावधानों के आधार पर किसी भी उम्मीदवार के साथ भेदभाव न किया जाए।

फैसला: याचिका स्वीकार

हाई कोर्ट ने अंत में याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि मेडिकल PG प्रवेश में अब डोमिसाइल आधारित कोई आरक्षण लागू नहीं होगा। प्रवेश केवल मेरिट के आधार पर ही होंगे।

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