पीएम मोदी ने राम मंदिर में किए सप्त ऋषियों और शेषावतार के दर्शन

पीएम मोदी ने राम मंदिर में किए सप्त ऋषियों और शेषावतार के दर्शन
उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राममंदिर में आज ध्वजरोहण कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समेत कई दिग्गज शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही ध्वजारोहण किया. इससे पहले ने सप्त ऋषियों के दर्शन भी किए. इसके साथ ही भगवान शेषावतार लक्ष्मण की पूजा की और जलाशय भी देखा. इससे पहले उन्होंने साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक करीब डेढ़ किमी लंबा रोड शो किया. लोगों ने यहां जमकर नारेबाजी की और फूल बरसाए.
अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत सप्त ऋषि मंदिर से की. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सातों ऋषियों के मंदिर में पूजा-अर्चना की. यह मंदिर परिसर में महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी को समर्पित है.
अयोध्या में PM नरेंद्र मोदी और RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने राम लला के गर्भ गृह में पूजा अर्चना की. UP के CM योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदीबेन पटेल भी इस दौरान मौजूद रहे.
#WATCH | Ayodhya Dhwajarohan | Prime Minister Narendra Modi reaches the Saptmandir, which houses temples related to Maharshi Vashishtha, Maharshi Vishwamitra, Maharshi Agastya, Maharshi Valmiki, Devi Ahilya, Nishadraj Guha and Mata Shabari
(Source: DD) pic.twitter.com/JM9qKbb8Uu
— ANI (@ANI) November 25, 2025
शेषावतार मंदिर में की पीएम मोदी ने पूजा
अयोध्या में ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर स्थित शेषावतार मंदिर में पूजा-अर्चना की. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने भगवान शेषावतार के दर्शन किए और मंदिर में विशेष अनुष्ठान संपन्न किया. इसके बाद पीएम मोदी रामलला के गर्भगृह में भी दर्शन करेंगे और अभिजीत मुहूर्त में मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराएंगे.
विशेष तौर पर तैयार कराया गया ध्वज
राम मंदिर के ऊपर फहराया जाने वाला भगवा ध्वज 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा है, जिसमें भगवान राम की वीरता का प्रतीक चमकता हुआ सूरज, ओम का निशान और कोविदार का पेड़ है. यह ध्वज मंदिर के शिखर पर पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में लहराया है. पहली बार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से श्रीराम विवाहोत्सव का आयोजन किया गया. जनकपुर से तिलक भी अयोध्या पहुंचा।



