
छत्तीसगढ़ में जमीन और मकानों की रजिस्ट्री हुई 10 गुना महंगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की नई अचल संपत्ति गाइडलाइन और रजिस्ट्री दरों में अचानक भारी वृद्धि के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप मच गया है। नई गाइडलाइन के लागू होने के बाद जमीन और मकानों की रजिस्ट्री अब पहले की तुलना में 10 गुना तक महंगी हो गई है। इसका सबसे बड़ा असर मध्यम वर्ग और किसानों पर पड़ा है।
भिलाई तीन चौक पर आम नागरिकों और रियल एस्टेट कारोबारियों ने प्रदर्शन कर नई दरों का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पर किसान को 16 लाख रुपये तक चुकाने पड़ेंगे।
रियल एस्टेट कारोबारी संजय अग्रवाल ने कहा, “यदि सरकार धीरे-धीरे दरें बढ़ाती तो असर इतना भारी नहीं पड़ता, लेकिन एक बार में की गई वृद्धि लोगों की आर्थिक क्षमता पर सीधे प्रहार की तरह है।”
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि गाइडलाइन दरों में की गई इस भारी वृद्धि पर तुरंत पुनर्विचार किया जाए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके और संपत्ति बाजार फिर से सामान्य स्थिति में आ सके।
नई दरों का तालिका :
| क्षेत्रफल | पहले रजिस्ट्री | अब रजिस्ट्री |
|---|---|---|
| 100 वर्गफीट | 52,500 | 5,25,000 |
| 1200 वर्गफीट | 63,000 | 6,30,000 |
| 1500 वर्गफीट | 78,500 | 7,85,000 |
| 2000 वर्गफीट | 1,05,000 | 10,50,000 |
| 2500 वर्गफीट | 1,21,000 | 12,10,000 |
विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली, रजिस्ट्री और प्रॉपर्टी टैक्स में हो रही लगातार बढ़ोतरी आम नागरिकों और मध्यम वर्ग पर भारी बोझ डाल रही है।



