पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर, सरकार ने सुविधा बढ़ाने के लिए उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) के जरिए सभी ऑथराइज्ड बैंकों के सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेंटर्स (CPPCs) को निर्देश दिया है कि वे हर सेंट्रल सिविल पेंशनर और फैमिली पेंशनर को मंथली पेंशन पेमेंट स्लिप समय पर पहुंचाएं. इस कदम का मकसद पेंशनर्स की बढ़ती शिकायतों को दूर करना है, जिसमें कई लोग अपनी पेंशन स्लिप समय पर न मिलने के कारण परेशान हो रहे थे.
क्यों जारी किया यह निर्देश?
फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर ने स्पष्ट किया है कि फरवरी 2024 में भी पेंशनर से जुड़ा एक पत्र जारी किया गया था. इसके बावजूद अभी भी कई पेंशनर्स को उनकी पेंशन पेमेंट स्लिप समय पर नहीं मिल रही है. पेंशन स्लिप में जरूरी जानकारी होती है जैसे कि क्रेडिट की गई पेंशन रकम, डिडक्शन, रिविजन और एरियर. ये जानकारी पेंशनर्स के लिए अपनी वित्तीय योजना बनाने और रिकॉर्ड रखने में बहुत महत्वपूर्ण है.
CPAO ने अपने नए निर्देश में कहा है कि अब किसी भी पेंशनर का पेमेंट स्लिप मिस ना हो पाए. सभी बैंक CPPCs को आदेश मिला है कि पेंशन क्रेडिट होने के तुरंत बाद पेंशनर्स को ईमेल, SMS और WhatsApp सहित सभी डिजिटल माध्यमों से स्लिप भेजें.
पेंशन स्लिप कैसे मिल सकेगी?
पेंशनर्स को अब अपनी पेंशन स्लिप पाने के लिए किसी अतिरिक्त कदम की जरूरत नहीं होगी. बैंक CPPCs पेंशन क्रेडिट होते ही पेंशनर्स के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर स्लिप भेजेंगे. अगर पेंशनर का ईमेल उपलब्ध नहीं है, तो बैंक को इसे उपलब्ध कराना होगा. यह सुनिश्चित करेगा कि हर पेंशनर को सही समय पर और सुलभ फ़ॉर्मेट में स्लिप मिल सके.
इस तरह, चाहे किसी पेंशनर की उम्र अधिक हो या तकनीकी ज्ञान कम हो, वे आसानी से अपनी पेंशन स्लिप पढ़ और समझ सकेंगे. साथ ही, डिजिटल माध्यम से मिलने वाली स्लिप से पेंशनर्स को अपने वित्तीय रिकॉर्ड को ट्रैक करना भी आसान हो जाएगा.
पेंशनर्स के लिए फायद
इस सुविधा के बाद अब पेंशनर्स समय पर और सही जानकारी के साथ अपनी वित्तीय योजना बना सकेंगे. साथ ही कोई भी एरियर, कटौती या रिविजन का अपडेट मिस नहीं होगा. डिजिटल माध्यम से मिलने वाली स्लिप से लोग अपने पेंशन रिकॉर्ड को सुरक्षित भी रख सकेंगे. इस बदलाव से पेंशनर्स को वित्तीय पारदर्शिता और सुविधा दोनों मिलेगी. सरकार और बैंक दोनों ही अब सुनिश्चित करेंगे कि पेंशनर्स को उनकी मेहनत की कमाई का सही हिसाब समय पर मिले.



