
धमतरी | छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी थाना क्षेत्र के ग्राम बोराई में एक धर्मांतरित महिला के शव को दफनाने को लेकर गुरुवार रात जमकर विवाद हो गया। ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने शव को ईसाई पद्धति से दफनाने का विरोध करते हुए अंतिम संस्कार रोक दिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस को देर रात हस्तक्षेप करना पड़ा। कई घंटे तक चली बैठक के बाद परिजनों ने महिला का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार करने पर सहमति जताई। पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीण शांत हुए और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कराई गई।
बोराई गांव में देर रात तक चला हाई-वोल्टेज ड्रामा
25 दिसंबर की रात नगरी क्षेत्र में जैसे ही दफनाने की तैयारी शुरू हुई, स्थानीय ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई। देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया। एसडीएम और एडिशनल एसपी सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और गांव में कई दौर की बैठकें हुईं। प्रशासन, पुलिस, ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों के बीच घंटों तक बातचीत चली।
साहू परिवार की महिला थी मृतक
बताया गया है कि मृतक महिला साहू समाज से थी और उसने कुछ समय पहले धर्मांतरण कर लिया था। गांव वालों का कहना था कि उसे ईसाई पद्धति से दफनाना ग्रामीण परंपरा और सामाजिक रीति-रिवाजों के खिलाफ है। इसी को लेकर विवाद खड़ा हुआ।
परिजनों ने ईसाई धर्म छोड़ने का दिया लिखित आश्वासन
बैठक के दौरान महिला के परिजनों ने गांव और समाज के सामने लिखित सहमति पत्र दिया, जिसमें कहा गया कि वे बहकावे में आकर ईसाई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे, लेकिन अब पूरा परिवार पुनः हिंदू धर्म और ग्रामीण परंपराओं का पालन करेगा। साथ ही यह भी कहा गया कि भविष्य में यदि दोबारा ईसाई धर्म अपनाया गया तो परिवार गांव छोड़ देगा।
ASP बोले – सामाजिक स्तर पर हुआ समाधान
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मणिशंकर चंद्रा ने कहा कि ग्राम बोराई में साहू समाज की एक महिला की मृत्यु के बाद समाज और परिवार के बीच अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हुआ था। इस पर सामाजिक स्तर पर बैठक कराई गई और आपसी सहमति से मामला सुलझा लिया गया है। फिलहाल गांव में स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद महिला का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया और गांव में सामान्य स्थिति बहाल हो गई है।



