
रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब कांग्रेस नेता विनोद तिवारी को रायपुर कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दे दिया। मामला दो साल पुराने राजनीतिक प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन पर गैर-जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज है।
कोर्ट में जमानत की अर्जी हुई खारिज
विनोद तिवारी शुक्रवार को जमानत के लिए रायपुर कोर्ट में पेश हुए थे। लेकिन सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें केंद्रीय जेल रायपुर भेजने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक यह मामला दो साल पहले हुए एक राजनीतिक आंदोलन से जुड़ा है। विनोद तिवारी पर आरोप हैं कि उन्होंने—
- कानून-व्यवस्था भंग की
- प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना की
- बिना अनुमति प्रदर्शन किया
इसी के चलते उनके खिलाफ गैर-जमानती धाराएं लगाई गई थीं।
जेल भेजे जाने के बाद कांग्रेस में उबाल
कोर्ट के आदेश के बाद जैसे ही विनोद तिवारी को हिरासत में लिया गया, कांग्रेस खेमे में हलचल तेज हो गई। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि
“भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए पुराने मामलों को निकालकर नेताओं को जेल भेज रही है।”



