छत्तीसगढ़

दिल्ली के जनहित में जारी केजरीवाल मॉडल को अपनाए भूपेश सरकार: कमल नायक, जिला अध्यक्ष रायपुर

रायपुर। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल नायक ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कोरोना काल में महँगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता के लिए केंद्र और राज्य सरकार से राहत पैकेज की मांग की है।

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पिछले लॉक डाउन के प्रभाव से उबर भी नहीं पाई थी कि दूसरा लॉक डाउन आ गया।महँगाई इस वक्त चरम पर है जीवन के लिए अति आवश्यक चीजों के दामों में 25 से 200प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है।ऊपर से बेरोजगारी ने लोगों की क्रय शक्ति भी छीन ली है। एक सर्वे के अनुसार पिछले लॉक डाउन के बाद 15करोड़ लोग बेरोजगार हो गए थे।वर्तमान लॉक डाउन में यह आँकड़ा बढ़कर 26करोड़ हो गया है जबकि अब भी देश के बड़े हिस्से में लॉक डाउन चल रहा है।जो लोग रोजगार में हैं उनमें से 34प्रतिशत लोगों का कहना है कि उनकी आय काफी कम हो गई है।

किसान और मजदूर मनरेगा, किसान सम्मान निधि, न्याय योजना,PDS के राशन जैसे कार्यक्रमों के जरिए ऑक्सीजन पर जी रहे हैं पर रेहड़ी/पटरी पर व्यापार करने वाले, छोटे व्यापारी,निम्न और मध्य मध्यम वर्ग के लोग इन सबकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

अब यह किसी से भी छुपा नहीं रह गया है कि चिकित्सा व्यवस्था के माध्यम से कोरोना संक्रमण को रोकने में केंद्र और राज्य सरकारें बुरी तरह असफल रही हैं जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को जबर्दस्त नुकसान पहुंचा है और इस नुकसान से जनता को बचाने की जिम्मेदारी केंद्र की भाजपा नित सरकार और राज्य की भूपेश बघेल सरकार दोनों की है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने यह कारनामा कर दिखाया है।दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध हैं इनके अलावा कोरोना काल में 72लाख राशन कार्डधारियों को मुफ्त राशन,मजदूरों/ऑटो चालकों को 5000रु प्रतिमाह जैसे अनेक कदम उठाए हैं जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की जनता को बड़ी राहत पहुंची है।

वहीँ छत्तीसगढ़ सरकार राहत पहुँचाना तो दूर की बात है मुआवजे से बचने के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीज की मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत का कारण कोरोना दर्ज करने से भी बच रही है।

आम आदमी पार्टी मोदी सरकार और भूपेश सरकार से कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों के लिए राहत पैकेज की मांग करती है।इन वर्गों के लोगों के हाथों में पैसे आएंगे तो अर्थ व्यवस्था में गति आएगी और बेरोजगारी/महंगाई भी धीरे धीरे नियंत्रित होती चली जाएगी।

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