छत्तीसगढ़

प्रदेश में कोरोना जांच में लगी ट्रू नाट मशीनों से फिर शुरू होगी टीबी की जांच

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना जांच में लगी ट्रू नाट मशीन से एक बार फिर टीबी की जांच शुरू होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ में चल रहे टीबी मुक्त अभियान की समीक्षा की। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी शामिल हुए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रेजेंटेशन दिखाया, जिसमें बताया गया कि टीबी के उपचार के लिए 90 फीसद की लक्ष्य सीमा निर्धारित की गई थी। इसमें देश ने औसत 81 फीसद लक्ष्य को हासिल किया, जबकि छत्तीसगढ़ 83 फीसद पर है। पोषण योजना के क्रियान्वयन में देश का औसत 57 फीसद और छत्तीसगढ़ 49 फीसद है।

टीएस सिंहदेव ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, लेकिन इसे बहाना नहीं बनाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ ने कोरोना के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार किया है। प्रदेश में उपलब्ध ट्रू नाट मशीन से कोरोना वायरस की जांच की जा रही थी। प्रदेश में उपलब्ध 160 से ज्यादा मशीनों में से हर जिले में कम से कम दो मशीन से टीबी की जांच की जाएगी।

– सिंहदेव बोले-टीबी के उपचार का राष्ट्रीय औसत 81 फीसद, जबकि छत्तीसगढ़ में 83 फीसद

एक सितंबर से 15 अक्टूबर तक माइक्रो प्लान बनाकर काम किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में दो टीबी सर्वाइवर की पहचान करके उनको एंबेसडर बनाया जाएगा, जो प्रेरक के रूप में जनजागरूकता फैलाएंगे। शेल्टर होम्स में टीबी कि स्क्रीनिंग में सर्वाधिक प्रतिशत 12 फीसद आया है। प्रेजेर इनमेट्स में 5 फीसद और माइंस में 3 फीसद शेष है। इस क्षेत्र में अधिक काम करने की आवश्यकता है।

अस्थाई कर्मचारियों ने की सिंहदेव से मुलाकात

कोरोना संक्रमण के दौरान सेवा उपलब्ध करवाने वाले अनियमित कर्मचारियों ने मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात की। कर्मचारियों ने एक माह के लिए चिकित्सालय में कार्य न होने पर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। सिंहदेव ने उनसे संवाद कर सभी समस्याओं एवं उनके कार्यों से जुड़ी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि जिन कर्मियों को शासन ने कोरोनाकाल के दौरान सेवा देने के लिए बुलाया था, वह केवल कोरोना संक्रमण तक ही सीमित है। किसी प्रकार का नियमित होने का आश्वासन नहीं है।

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