छत्तीसगढ़

प्रदेश में किसान अपने ऊपर हुए अन्याय-अत्याचार का बदला आने वाले समय में लेंगेः बृजमोहन

रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि किसानों को किस बेरहमी से नई राजधानी में पीटा गया, उनसे बात तक नहीं की गई। भूपेश सरकार किसान विरोधी सरकार है, किसानों का शोषण करने वाली सरकार है। लखीमपुर खीरी में जा कर मुख्यमंत्री 50-50 लाख देते हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में 530 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है या उनकी मृत्यु हुई है, उनको एक रुपया नहीं दिया जा रहा है। किसान आने वाले समय में अपने ऊपर हुए अन्याय अत्याचार का बदला लेंगे।

अग्रवाल आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई राजधानी के किसान कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं। उनकी मांगें हैं- किसानों को चार गुना मुआवजा दिया जाए, हर परिवार को 1200 स्क्वायर फीट जमीन दी जाए, जिन किसान परिवारों ने अपनी जमीन एनआरडीए को दी उनके बेरोजगार युवकों को रोजगार दिया जाए। कांग्रेस ने उनसे चुनाव पूर्व वायदा किया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार सोच रही है कि 2500 रुपए में धान खरीदकर किसानों को खरीद लिया है।

किसानों को सड़क-बिजली-पानी की सुविधा नहीं मिल रही है। किसानों को सब्सीडी और खाद नहीं मिल रही है। किसानों का राष्ट्रीय बैंक का कर्जा माफ नहीं किया गया है। किसानों को मिलने वाले कृषि उपकरण ड्रिप एवं स्प्रिंकलर मिलने बंद हो गए हैं। केन्द्र से आया हार्डीकल्चर डिपार्टमेंट का 220 करोड़ रुपए में से मात्र 20 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जिसमें कमीशन खाने की गुंजाइश थी, बाकी जो पैसा सीधे किसानों के खाते में जा रहा था उसे रोक दिया गया।

श्री अग्रवाल ने कहा कि उद्योगों से एमओयू कर पैसा खाने के लिए किसानों की जमीन को दबाव डाल कर उद्योगों को बेचने को मजबूर किया जा रहा है। 1 करोड़ 5 लाख क्विंटल धान खरीदना था, 3 लाख क्विंटल धान किधर चला गया। किसानों को टोकन मिले हैं पर वे बेच नहीं पाए हैं। यह सरकार कुछ लोगों को संरक्षण के लिए बनी है। यह सरकार आम आदमी और किसानों के संरक्षण के लिए नहीं बनी है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार कहती है कि किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी है तो क्या किसान प्रधानमंत्री आवास नहीं बनाता है? किसान अपना पक्का घर बनाना चाहता है, लेकिन उसको घर बनाने के लिए लगने वाली रेत, सीमेंट और छड़ में भूपेश टैक्स लगा हुआ महंगा मिल रहा है।

जबकि रेत प्रदेश की नदियों से निकलती है और सीमेंट और लोहा का उत्पादन यहाँ ही होता है। उन्होंने कहा कि रेत मामले में विभाग कार्रवाई कर रहा है। खदानों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। ट्रक मालिकों पर कार्रवाई की जा रही है क्योंकि रेत के मालिक कांग्रेसी हैं। पूरे प्रदेश में 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी किसानों की है, प्रदेश का पूरा विकास ठप पड़ा हुआ है इसका नुकसान भी किसानों को हो रहा है। किसानों को धीरे-धीरे बात समझ में आने लगी है। ये किसान विरोधी सरकार है धीरे-धीरे

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