छत्तीसगढ़

इस जिले में नदियों की सुंदरता को लग सकता है ग्रहण,जल्द ही नदियां बन सकती हैं नाला

लखनपुर। नगर अंतर्गत विभिन्न वार्डों से गुजरने वाली चुल्हट नदी खुद सौन्दर्यीकरण की प्यासी अपने हालात पर सिसकियाँ भरते नजर आ रही हैं जहां इस नदी के अलावा नगर के सीमावर्ती चन्दनई नदी तथा अन्य दूसरे नदियों के उत्थान के लिए शासन प्रशासन स्तर से कोई प्रयास होता नजर नही आ रहा है। ज्ञात हो कि एक समय पूर्व यही नदियां लोगो के रोजमर्रा के कई जरूरतों को पूरा करने का पर्याय होती थी। बहरहाल आलम यह है कि लंबे समय से नदियों में केवल कूड़े कचरे ही नजर आ रहे हैं।

क्षेत्र में नदी के किनारे की ज़मीनो को कब्जा कर खेतों में तब्दील कर दिया जा रहा है जिससे नदी का दायरा सिमट कर नाले के शक्ल में बदलते जा रहे है राजस्व विभाग की कोई दखल नहीं होने से लोग नदी के कछारी भूमि को अपनी मिल्कियत बना रखा है। जिससे नदीयो के अस्मिता पर खतरा मंडराने लगा है । यदि नगर बीच पुश्त दर पुस्त से बहने वाली चुल्हट नदी की बात करें तो नदी का पानी इस समय इतना दूषित हो चुका है कि लोग अब इस पानी का उपयोग करने से भी कतराते नजर आने लगे हैं। प्रकृति के वरदान कहे जाने वाले इन नदियों के इस बदतर हालत का जिम्मेदार कौन है, और अब तक इन नदियों के सौन्दर्यीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के संबंध में कोई प्रयास क्यों नही किया गया अपने आप में अनसुलझे सवाल है ।बावजूद इसके अब तक इन सवालों का जवाब मिल पाना बाकी है।

वैसे देखा जाए तो नगर के बीचो बीच चुल्हट नदी जहां कुंवरपुर जलाशय के कारण बारहो महीने कमोवेश जलधारा प्रवाहित होता रहता है परन्तु आज गंदगी के कारण बेजार व बेकार नजर आता है।इन नदियों की साफ सफाई को लेकर पूर्व में कई वर्षों पहले पूर्व नगर अध्यक्ष विश्वनाथ गुप्ता के द्वारा एक साफ-सफाई को लेकर कवायद शुरू की गई थी जो कि बाद में अपने अंजाम तक नही पहुच पायी। बाद इसके अब इसके हालात को देखते हुए लोगो द्वारा ये आशंका जताई जा रही है कि एक समय बाद नगर के बीच बहने वाली प्रकृति का बरदान कहे जाने वाले खूबसूरत चुल्हट नदी नाले के रूप में एक बदनुमा दाग बनकर रह जायेगी।

नदी के साफ सफाई को लेकर तथा इसके उत्थान के लिए नगरवासियों ने उचित कदम उठाये जाने की मांग की है ताकि कुदरत के बक्शे इस नायाब उपहार की हिफाजत हो सके एक चुल्हट नदी ही नहीं अपितु दूसरे नदीयो के स्थिति में सुधार हो सके और जमीन पर इंसान ही नहीं बसारत करने वाले सभी जीव जंतुओं को नदीयो का लाभ मिल सके।

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