छत्तीसगढ़

राजधानी का यह गांव आया डायरिया की चपेट में, अब तक 30 से ज्यादा मरीज, गांव में मचा हडकंप

रायपुर। राजधानी रायपुर से लगे खरोरा विकासखंड क्षेत्र का एक पूरा गांव डायरिया का शिकार हो रहा है। गांव में लगे हेडपंप का दूषित पानी पीने से 30 से ज्यादा लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। ये बात तब सामने आई जब मरीजों को बार-बार उल्टी, दस्त की शिकायतें आने लगी।

लगातार मरीज सामने आने से पूरे गांव में हडकंप मचा हुआ है। वहीं मामले को देखते हुए स्वास्थ विभाग की टीम मेडिकल कैंप लगाकर चेकअप कर रही है। गंभीर रूप से बीमार 11 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि 19 मरीजों का इलाज घर में ही किया जा रहा है।

 

पहले पूरा मामला आसान भाषा में समझ लीजिए…
खरोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत माठ के वार्ड न. 11 बस्ती पारा में लगे हेडपंप का दूषित पानी पीने से ग्रामीण डायरिया का शिकार हुए। यहां डायरिया का पहला मामला 22 जून को सामने आया था। जिसके बाद लगातार मरीजों का आंकड़ा बढ़ता गया। बीमार मरीज उल्टी, दस्त, चक्कर आना जैसे गंभीर लक्षणों से जूझ रहे है। अब तक करीब 30 मरीज डायरिया की चपेट में आ चुके है और बाकियों में भी इसके लक्षण दिखने लगे हैं। इनमें से इलाज के लिए खरोरा के महामाया प्राइवेट अस्पताल में 4 और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 मरीजों को भर्ती कराया गया है, तो 19 मरीजों का घर में ही मितानिन और स्वस्थ्य विभाग द्वारा ओआरएस और दवाई देकर उपचार किया जा रहा है। वहीं गंभीर रूप से घायल 3 मरीज को मेकाहारा अस्पताल रेफर किया गया है। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम मेडिकल कैंप लगाकर सभी ग्रामीणों का चेकअप कर रही है।

इनका चल रहा इलाज
अब तक विजय पटेल (30), कुनार वर्मा (53), दुलारी वर्मा (50), रामेश्वरी (40), रामनाथ वर्मा (45), गोवर्धन (16), राजेश्वरी (45), निर्मला धीवर (40), सवीता यादव (40) समेत (30) मरीजों के बीमार होनेे की पुष्टी हुई है।

 

कोतवाल ने जानकारी के बदले मांगी रिश्वत
मरीज के परिजन राकेश यादव का कहना है कि उन्होंने हेडपंप के बारे में तीन दिन पहले 22 जून को ही सरपंच को जानकारी दे दी थी लेकिन पंप को बंद कराया नहीं गया। हेड पंप के पास ही नाली है, और पंप का शटर टूटने से पंप नाली का पानी खींच रहा है। पंप का गंदा पानी पीने से लोग बीमार हो रहे है। हमने कोतवाल के पास जाकर कहा कि गांव में सभी को जानकारी दे दो लेकिन उसने रिश्वत की मांग की। उन्होंने कहा मेरी पत्नी पिछले तीन दिनों से अस्पताल में भर्ती है। अब जब मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तब जाकर सरपंच आज शनिवार को हेडपंप को बंद कराया।

ग्रामीणों का क्या है कहना …
ग्रामीण शत्रुहन सेन का कहना है कि यहां तीन दिनों से ग्रामीण डायरिया की बिमारी से जूझ रहे हैं। यहां जो बोरिंग लगा हुआ है, उसमे से दूषित पानी निकल रहा है। जिसे पीने से गांव के लगभग 30-35 लोग बीमार हो गए है। वार्ड में पानी की बहुत किल्लत है, एक ही बोरिंग था जिसमे अब दूषित पानी निकल रहा है। पानी टंकी से सिर्फ सुबह और शाम टाइमइंग के हिसाब से पानी आता है। हमें पानी की जरुरत होती है तो 1 किलोमीटर मीटर दूर सोलर पम्प से से पानी लाकर पीते हैं। पानी को लेकर और किसी भी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

सरपंच सुरेन्द्र कुमार गेंद्रे ने बताया कि पिछले तीन दिनों से ग्राम पंचायत माठ के वार्ड न. 11 में डायरिया उलटी दस्त का शिकायत का आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस सम्बन्ध में जानकारी दिए हैं। और आज विभाग द्वारा गाँव में कैम्प लगाकर ग्रामीणों का इलाज किया जा रहा है। अब तक कुल 30 लोग उल्टी, दस्त और डायरिया का शिकार हुए है। इसमें से 11 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। वहीँ 19 मरीजों का इलाज उनके घर पर ही स्वास्थ्य अमला और मितानिन की मदद से ओआरएस और दवाई देकर किया जा रहा है। सभी मरीजों की स्थिति सामान्य है।

अब ऐसे कर रहे ग्रामीण पानी की व्यवस्था…
गांव में साफ पानी की व्यवस्था को लेकर सरपंच ने कहा कि, अभी की स्थिति में यहां 1 लाख 20 हजार का पानी टंकी बना हुआ है। सभी घरों में नल कनेक्शन दिया गया है। दो-चार ऐसे घर है जो उपर में होनें के कारण वहां पानी नहीं पहुंच पाता। बाकी सभी लोगों के घरों में जरूरत के हिसाब से पानी पहुंच जाता है। जिस टाइम नल नहीं चलता उस टाइम लोग बोरिंग से पानी ले जा रहे थे लेकिन बोरिंग नाली से लगा हुआ। जिसके कारण सिपेज होने से बोरिंग का पानी दुषित हो गया है। जिसे पीने से कुछ लोग बीमार पड़े है।

सरपंच को पहले ही ग्रामीण कर चुके है मामले की शिकायत
ग्रामीणों द्वारा तीन दिन पहले सरपंच को बोरिंग से गंदा पानी आने की जानकारी के एक सवाल पर सरपंच ने कहा कि, इसकी जानकारी मुझे कल दिया गया था। जिसके बाद मैनें बोरिंग मिस्त्री को पानी के टेस्ट के लिए भेजने बोला था और बोरिंग को बंद करने भी कहा था जिसके बाद कल ही बोरिंग बंद हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि, अभी स्थिति को देखते हुए पानी की व्यवस्था करेंगे अगर टैंकर की जरूरत पड़ेगी तो उसकी भी व्यवस्था करेंगे।

 

19 मरीजों का घर में इलाज, 11 अस्पताल में भर्ती
विकासखंड स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबंधक ममता सोनानी ने बताया कि, कल यहां उल्टी दस्त के कुछ पेशेंट होने की जानकारी मिली। जिसे उप स्वास्थ्य केंद्र की रिपोर्टिंग में हमें बताया गया और यहां के कर्मचारी भूषण साहू, काजल और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर जहां पेशेंट थे वहां प्रारंभिक इलाज किया। मरीजों को ओआरएस और जिंक की टेबलेट देकर उनका इलाज किया गया। अभी की स्थिति में कोई भी मरीज गंभीर हालत में नहीं है। स्वास्थ टीम के द्वारा उपचार कर इसे कंट्रोल कर लिया गया है। कल और आज की स्थिति में कुल 30 केस हमारे पास आए है इसमें से 19 मरीज घर में है जो स्वास्थ्य विभाग और मितानिनों की निगरानी में है और इन सभी मरीजों की स्थिति ठीक है। 7 मरीज सरकारी अस्पताल में भर्ती है वहीं 4 मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है। जबतक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती टीम सतत निगरानी कर रही है। सभी डॉक्टर्स यहां उपस्थित है और सरपंच के द्वारा भी सहयोग मिल रहा है।

मितानिन भी कर रही लगातार लोगों की देख भाल
मितानिन पुष्पा पाल ने बताया कि कल उन्हें उल्टी, दस्त और डायरिया की जानकारी मिली। फिर तत्काल अपनी एनी साथियों के साथ मिलकर घर घर जाकर मरीजों को ओआरएस और दवाई दी फिर उन्हें गर्म पानी पीने की हिदायत दी। उन्होंने बताया कि मरीजों को बताया गया कि ओआरएस का घोल पीने से उल्टी, दस्त से बचाव किया जाता है।

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