बिलासपुर | डीजे की शोर में शिक्षक क्या पढ़ा रहे हैं, यह बच्चों को पता ही नहीं चलता। डीजे का शोर गंभीर किस्म के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसके अलावा स्कूलों में पढ़ाई का माहौल भी खराब होता है। इसे देखते हुए राज्य शासन ने गणेश पंडालों में डीजे व स्पीकर बजाने के लिए मापदंड तय कर दिए हैं।
60 डेसीबल से ज्यादा की आवाज में डीजे बजाने की मनाही कर दी है। आदेश का उल्लंघन करने और शिकायत मिलने की स्थिति में कार्रवाई का निर्देश जारी किए हैं। प्रदेशभर के कलेक्टरों को पत्र लिखकर जरूरी गाइडलाइन जारी की गई है।
गणेश पंडाल में रात 10 बजे तक निर्धारित आवाज के साथ डीजे या स्पीकर या फिर साउंड बाक्स बजाने की छूट दी गई है। स्कूल और अस्पताल के आसपास इस पर कड़ाई बरतने के निर्देश हैं। 60 डेसीबल से अधिक आवाज में डीजे बजाने की मनाही कर दी गई है।
कोरोना संक्रमण के दो साल बाद हो रहे गणेशोत्सव को लेकर समितियों के साथ ही शहरवासियों और ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच भारी उत्साह देखा जा रहा है। इस बार राज्य शासन ने प्रतिमाओं की ऊंचाई और पंडाल को लेकर पूर्व में जारी निर्देशों को शिथिल कर दिया है।
समितियां को छूट दे दी गई है कि वे अपनी सुविधा के अनुसार मूर्ति स्थापित कर सकेंगे और पंडाल बना सकेंगे। माना जा रहा है कि इस बार समितियाें में झांकी भी नजर आएंगी। हालांकि इसमें अभी समय है। तीन दिन बाद ही समितियों के पंडाल में आकर्षक झांकी बनेगी।
जिला प्रशासन के निर्देशों को लेकर गणेशोत्सव समितियां अभी से सावधानी बरतने लगी हैं। गणेश पंडाल में साउंड सिस्टम लगाए जा रहे हैं। अधिकांश पंडालों में साउंड बाक्स लगाने की योजना समिति के पदाधिकारियों ने बनाई है। शाम के वक्त पंडाल में आरती पूजन के बाद भजन के लिए स्पीकर बजाएंगे। रात 10 बजे तक साउंड सिस्टम बजाने की छूट रहेगी।