वृद्ध बुजुर्गो को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए महात्मा गांधी पेंशन योजना काफी फलदायक, ऐसे करें आवेदन
असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर जो अब वृद्ध हो चुके हैं और मजदूरी नहीं कर सकते, ऐसे लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए यूपी सरकार ने महात्मा गांधी पेंशन योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के मजदूरों को वृद्धावस्था पेंशन के तौर पर 1000 रुपये दिए जाते हैं ताकि वो अपना जीवन-यापन सुचारू रूप से कर सकें। योजना के तहत वृद्ध मजदूरों के खाते में पेंशन की राशि डाली जाती है। मजदूर बुजुर्ग की मृत्यु हो जाती है तो पेंशन की राशि उसकी पत्नी को मिलनी शुरू हो जाती है।
जिस मजदूर के पास लेबर कार्ड है और उसकी उम्र 60 साल से अधिक हो चुकी है वो इस योजना का लाभ ले सकता है।
महात्मा गांधी पेंशन योजना का मुख्य उदेश्य यूपी के ऐसे मजदूरों को आर्थिक सुरक्षा देना है जिनका शरीर अब काम नहीं करता और वो मजदूरी नहीं कर सकते। ऐसे लोगों की जरूरी आवश्यक्ताओं को पूरा करने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है। ऐसे लेबर जिनके पास लेबर कार्ड है वो इस योजना का लाभ ले सकते हैं और महात्मा गांधी पेंशन योजना के पात्र हैं। जिन मजदूरों को इस योजना के तहत पेंशन चाहिए उन्हें 60 साल पूरे होने से पहले ही श्रम विभाग के दफ्तर में आवेदन भरकर देना होगा। उनके 60 साल पूरा होने पर पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।
महात्मा गांधी पेंशन योजना के आवेदन के लिए दस्तावेज
मजदूर का आधार कार्ड
पहचान पत्र
राशन कार्ड
बैंक खाता संख्या
मूल निवास प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो
मोबाइल नंबर
अगर मजदूर राज्य या केंद्र सरकार की कोई पेंशन ले रहा है तो इसका लाभ उसे नहीं मिलेगा।
मजदूर को हर साल अपने जीवित होने का प्रमाण देना होगा
योजना के रजिस्ट्रेशन फॉर्म के लिए आवश्यक योग्यताएं:-
उत्तर प्रदेश के स्थाई मजदूर को ही योजना का लाभ मिलेगा।
जो मजदूर लेबर कार्ड धारक है वही लोग इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।