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भारत में बनी पहली नेजल वैक्सीन, 26 जनवरी को होगी लॉन्च, जानें कौन लगवा सकेगा…

नई दिल्ली : कोरोना ने पूरी दुनिया में जो तबाही मचाई, उससे हर कोई वाकिफ हो चुका है. ऐसे में कोरोना के खिलाफ वैक्सीन को सबसे अहम हथियार माना जा रहा है. अब भारत बायोटेक द्वारा देश में ही विकसित पहले इंट्रानेसल कोविड-19 टीके ‘इनकोवैक’ को 26 जनवरी से लोगों को देने की शुरुआत की जाएगी. कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा इल्ला ने शनिवार को यह जानकारी दी.

भोपाल में आयोजित भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) में विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए इल्ला ने बताया कि मवेशियों को लम्पी त्वचा बीमारी से बचाने के लिए देश में ही विकसित टीके लम्पी प्रोवैकइंड की अगले महीने शुरुआत की जाएगी. मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में आयोजित आईआईएसएफ के ‘‘विज्ञान में फेस टू फेस विथ न्यू फ्रंटियर में शिरकत की.

इस कार्यक्रम जानकारी देते हुए कृष्णा इल्ला ने कहा, ‘‘हमारा नेसल टीका (नाक के जरिये दिया जाने वाला टीका) आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर लॉन्च किया जाएगा.” भारत बायोटेक ने पिछले साल दिसंबर में घोषणा की थी कि वह इंट्रानेसल टीके को सरकार को 325 रुपये प्रति खुराक की दर से बेचेगा, जबकि निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए इसकी कीमत 800 रुपये प्रति खुराक होगी.

कौन लगवा सकता है ये वैक्सीन?

ये वैक्सीन अभी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही लगाई जाएगी. 12 से 17 साल के बच्चों का भी वैक्सीनेशन चल रहा है, लेकिन वो इसे नहीं लगवा सकते. दूसरी बात ये कि इसे बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जाएगा. यानी, जो लोग दो डोज लगवा चुके हैं, वही ये वैक्सीन लगवा सकते हैं. हालांकि, इसे प्राइमरी वैक्सीन की मंजूरी भी मिली

यानी, अगर कोई भी वैक्सीन नहीं ली है तो भी इसे लगवा सकते हैं. हालांकि, भारत में लगभग पूरी आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है. लेकिन अभी भी बहुत बड़ी आबादी ने बूस्टर डोज नहीं ली है. कोविन पोर्टल के मुताबिक, देश में 95.11 करोड़ से ज्यादा लोग दो डोज ले चुके हैं. पर 22 करोड़ लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई है.

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