सड़क की मांगों को लेकर प्रदर्शन पर उतरे ग्रामीण कहा सड़क नहीं तो वोट नहीं
दंतेवाड़ा: जिले के अंदरूनी गांव में ग्रामीण सड़क की मांगों को लेकर प्रदर्शन पर उतरे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, 8 गांव को जोड़ने के लिए पिछले 14 साल से सड़क की मांग की जा रही है। लेकिन सड़क अब तक नहीं बनाई गई है। ग्रामीणों ने कहा कि, अब यदि सड़क नहीं बनेगी तो वे चुनाव में वोट भी नहीं डालेंगे। साथ ही नेताओं को चेतावनी देते कहा है कि, वे गांव की दहलीज पर कदम न रखें।
रविवार को मोलसनार गांव के ग्रामीण इलाके में ही प्रदर्शन पर उतरे। उन्होंने कहा कि, मोलसनार, उदेला, दुगेली, नेरली समेत अन्य गांवों को जोड़ने के लिए पिछले 14 साल से सड़क की मांग कर रहे हैं। लेकिन हमारी कोई नहीं सुन रहा है। गांव वालों ने कहा कि, सड़क नहीं होने से एंबुलेंस भी गांव तक नहीं पहुंचती है। कई जगह पर पुल की भी मांग की गई है। वह भी नहीं बना है। पुल बनने की वजह से बरसात के वक्त कई गांव का संपर्क ब्लॉक और जिला मुख्यालय से कट जाता है।
गांव वालों का कहना है कि, जिस जगह सड़क बननी है वहां PMGSY का एक बोर्ड लगा है। जिसमें लगभग 6 करोड़ की लागत से बेहनार-मोलसनार से उदेला तक लगभग 9 किमी डामरीकृत सड़क बनने का जिक्र है। 5 अक्टूबर 2018 से निर्माण काम शुरू होने का दावा किया गया है। लेकिन, अब तक काम नहीं हो पाया है। साथ ही कोवा पारा से बेहनार तक साढ़े 3 किलोमीटर की सड़क पिछले 14 सालों से नही बन पाई है।
मोलसनार गांव के सरपंच राकेश भास्कर ने कहा कि, जिला प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने पर भी सड़क निर्माण नहीं हो रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को काफी दिक्कत हो रही है। जनपद सदस्य संजय भास्कर का कहना है कि, अंदरूनी नक्सलगढ़ में चुनौतियों का सामना करते हुए सड़क बनाने मांग कर रहे हैं। हमारे सहयोग करने और मांग के बावजूद सड़क निर्माण का काम नहीं हो रहा है।