- मोदी राज में अब करोड़ों कामगारों के ईपीएफओ में जमा राशि पर ब्याज भी गायब
- सार्वजानिक निधि/ट्रस्ट के फंड चहेते पूंजीपतियो को, जमा पर ब्याज में लगातार कटौती, बैंकलोन महंगे और ईएमआई में वृद्धि जारी
रायपुर/ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि निजी क्षेत्र, प्राइवेट कंपनियों और सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वाले करोडों लोगों के खून पसीने की कमाई जो ईपीएफओ में जमा है उस पर दिए जाने ब्याज भी अब मोदी सरकार ने गायब कर दिया है। विदित हो कि निजी क्षेत्र में कार्यतर 24 करोड़ 77 लाख कामगारों की मेहनत की कमाई जो ईपीएफओ में जमा है उसका हिसाब किताब ऑनलाइन साइट से गायब है। पूर्व में भी कोल इंडिया लिमिटेड और उसके आनुषांगिक कंपनियों के 9 लाख 50 हज़ार कर्मियों के कोल खदान भविष्य निधि संगठन के 90 हज़ार करोड रुपए जो एसबीआई में जमा थे उसे 26 मार्च को मोदी जी के मित्र की कंपनी रिलायंस को सौंपे जाने का निर्णय लिया गया था। निजी कंपनी को पेंशन फंड के वित्तीय प्रबंधन सौंपे जाने के निर्णय पर विभिन्न कोयला उद्योग श्रमिक संगठनों ने आपत्ति की लेकिन अधिनायक वादी मोदी सरकार तमाम आपत्तियों को दरकिनार कर कर्मचारी विरोधी निर्णय पर अडिग रही। मोदी निर्मित आपदा, महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही देश की आमजनता मोदी सरकार के गलत फैसलों, जमाधन पर ब्याज कटौती और कर्ज पर ब्याज बढ़ाने के दोहरीमार झेलने मजबूर है।