छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में अब आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस सिलेंडर से पकेगा बच्चों व महिलाओं के लिए गर्म भोजन

रायपुर । राजधानी के आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायिकाओं को अब लकड़ी से चूल्हा जलाकर  बच्चों के लिए भोजन बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में चरणबद्व तरीके से गैस चूल्हे का इंतजाम किया जा रहा है, जिस पर अब सहायिकाएं बच्चों के लिए आसानी से भोजन बना सकेंगी।

गुढियारी के सेक्टर के 17 आंगनबाड़ी केंद्रों में आज एलपीजी गैस सिलेंडर का वितरण परियोजना अधिकारी सोमनाथ राजपूत द्वारा किया गया। श्री राजपूत ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए दो गैस सिलेंडर, चूल्हा, रेगूलेटर, पाईप का वितरण व नजदीक के एलपीजी गैस एजेंसी का कार्ड भी उपलब्ध कराया गया है। आंगनबाड़ी केंद्र बड़ा अशोक नगर भवन में आयोजित कार्यक्रम में रामकृष्ण परमहंस वार्ड के पार्षद श्रीकुमार मेनन व ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वार्ड की पार्षद श्रीमती मंजू साहू की उपस्थित में सिलेंडरव चूल्हे वितरित किए गए।

गुढियारी सेक्टर की महिला पर्यवेक्षक श्रीमती रीता चौधरी का कहना है लकड़ी से जलने वाले चूल्हे पर भोजन तैयार करने में सहायिकाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। गैस चूल्हा मिलने के बाद अब इन आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्यकर्ताओं को खासतौर पर बारिश के दिनों में होने वाली दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही बारिश के दिनों में गीली लकड़ियों को चूल्हे में जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही अब केंद्र में धुएं से किसी को परेशानी होगी। सिलेंडर मिलने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर भी साफ तौर पर देखी जा रही है।

अपनी खुशी जाहिर करते हुए नयातालाब की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कु. अर्चनाचक्रवती ने कहा, उन्हें और आंगबाड़ी केंद्र के बच्चों को धुएं की परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी। शासन की इस पहल से बच्चों को सुपोषण बनाने में भी बहुत मदद मिलेगी।

ज्योतिबा नगर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लक्ष्मी तिवारी का कहना है सालों बाद चूल्हे से आजादी मिली है। सहायिका को अब चूल्हा फूंकने की जरूरत नहीं होगी और न ही उन्हें लकड़ी के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत होगी।

शुक्रवारी बाजार की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जया सिंहा का कहना है अब केंद्र में हितग्राही महिलाओं के लिए भोजन या नाश्ता बनाने के लिए ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा। गैस सिलेंडर और चूल्हा मिलने से जल्द ही नाश्ता और भोजन भी तैयार हो जाएगा। समय की बचत होगी, तो बच्चों की पढ़ाई पर भी ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

इस मौके पर परियोजना अधिकारी सोमनाथ राजपूत के द्वारा विभाग द्वारा महिलाओं व बच्चों के विकास के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं पर चर्चा किया, जिसमें कार्यकर्ताओं को अपने एरिये के सभी हितग्राहियों का चयन कर नोनी योजना के पात्र होने पर फार्म भरने के निर्देश दिए गए। साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना के पात्र हितग्राहियों की समीक्षा कर और उन सभी हितग्राहियों को जागरूक करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वकांक्षी योजना लक्ष्य सुपोषित में बच्चों की सतत् निगरानी पर ध्यान केंद्रित करते रहें। आंगनबाड़ी केन्द्र के सभी बच्चों का नियमित वजन व गृहभ्रमण कर माता-पिता के व्यवहार में परिवर्तन लाने जागरूक करें। इस प्रकार परियोजना अधिकारी के निर्देशों का पालन करने के लिए समस्त कार्यकर्ताओं को श्रीमती रीता चौधरी द्वारा समझाइश दी गई।

जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय का कहना है आंगनबाड़ी केंद्रों में खाना बनाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले लकड़ी के चूल्हे से निकलने वाले धुएं वहां पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहे थे। उन्होंने कहा इसी को ध्यान में रखकर पूरे जिले के करीब 1886 आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस चूल्हा कनेक्शन का वितरण चरण बद्व तरीके से किया जा रहा है।महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा डीएमएफ फंड से कलेक्टर एस. भारतीय दासन के पहल के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों में गैस कनेक्शन मिलने लगा है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली, पंखा, शौचालय व नगर निगम से पानी कनेक्शन, भवन सहित पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है।

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