छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के बावजूद जमीन रजिस्ट्री में इजाफा, 11 माह में 1 लाख 82 हजार रजिस्ट्री

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ने कोरोना संकट के बावजूद भी वर्ष 2020 में 1621.67 करोड़ रूपए का रिकार्ड पंजीयन राजस्व अर्जित किया है। वर्ष 2019 में अर्जित 1315.46 करोड़ रूपए के राजस्व से यह 23.28 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्तीय वर्ष में 31 जनवरी तक राज्य में एक लाख 82 हजार दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है, जिसके कारण स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क के रूप में 1087.19 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप राज्य में जन सामान्य की सुविधा को ध्यान में रखते हुए छोटे भू-खण्डों के क्रय-विक्रय पर लगी रोक को हटाने का फायदा यह हुआ है कि बीते दो सालों में छोटे भू-खण्डों से संबंधित दस्तावेजों के पंजीयन में लगभग दोगुने की वृद्धि हुई है। इन दो सालों में एक लाख 86 हजार 423 छोटे भू-खण्डों के पंजीयन से आम जनता को राहत मिली है।

बाजार मूल्य (गाईडलाईन) की दरों में 30 प्रतिशत की कमी किए जाने के शासन के निर्णय का भी लाभ लोगों को मिला है। इसके कारण सम्पत्ति के बाजार मूल्य में कमी के साथ-साथ खरीदी-बिक्री में राहत मिलने से मध्यम वर्ग के लिए मकान एवं अचल सम्पत्ति खरीदना आसान हुआ है।

राज्य में शासन द्वारा 75 लाख रूपए तक की कीमत के मकान एवं भवन के विक्रय संबंधी विलेखों के पंजीयन शुल्क की दर में दो प्रतिशत की रियायत अगस्त 2019 से प्रदाय की जा रही है। जिसे वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए भी यथावत रखा गया है। इसका लाभ आम नागरिकों को मकान की खरीदी-बिक्री में मिल रहा है। बीते डेढ़ सालों में 17 हजार 112 दस्तावेजों के पंजीयन के दौरान आवासीय भवनों के पंजीयन में 2 प्रतिशत की रियायत दी गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य में सम्पत्तियों के क्रय-विक्रय के लिए ई-रजिस्ट्री प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया और नेटवर्क की समस्या के निराकरण के लिए एक अतिरिक्त नेटवर्क सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि पक्षकारों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े और पंजीयन कार्य निर्बाध रूप से संचालित हो। कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंजीयन कार्यालयों में सुरक्षित उपस्थिति के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को प्रभावी पालन के लिए ऑनलाईन अपॉईमेंट (स्लॉट बुकिंग) का प्रावधान किया गया और क्रमानुसार पंजीयन कार्य कराए जाने की सुविधा प्रदान की गई। मोबाइल एप के माध्यम से भी यह सुविधा उपलब्ध है।

पक्षकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिदिन सीमित संख्या में टोकन प्रदाय के बावजूद भी वर्ष 2020 में 2 लाख 8 हजार 63 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ, जो वर्ष 2019 में पंजीबद्ध दस्तावेजों की संख्या के लगभग बराबर है। पंजीयन कार्यालयों में शुल्क का नगद लेन-देन कम से कम हो, इसके लिए ऑनलाईन भुगतान की सुविधा के साथ स्वाइप मशीनों की व्यवस्था भी की गई। ई-स्टाम्पों की उपलब्धता हेतु 12 केन्द्रों सहित वर्तमान में 500 से अधिक लोक सेवा केन्द्रों एवं 200 से अधिक वेण्डरों के माध्यम से विक्रय की व्यवस्था की गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button