छत्तीसगढ़

लेडी सिंघम की बड़ी कार्यवाही :प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मुरुम की चोरी कर खपा रहा था ठेकेदार, 2 जेसीबी सहित 5 ट्रेक्टर जप्त

गरियाबंद। गरियाबंद जिला अन्तर्गत विकासखंड छुरा के ग्राम पंचायत पाटसिवनी से तमोरा व्हाया अमलोर तक 7 .55 किमी सड़क निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया जा रहा है।

इसमें अवैध उत्खनन कर मुरूम का उपयोग किया जा रहा था या यूं कन्हे कि ठेकेदार द्वारा मुरम की चोरी की जा रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग की उदासीनता एवं ग्राम पंचायत से मिली-भगत कर ठेकेदार द्वारा अवैध कार्य को अंजाम दिया जा रहा था इसी कारण कार्रवाई नहीं हो रही थी।

जिससे इसमें शासन की राजस्व की क्षति हो रही थी।ग्राम पंचायत पाट सिवनी से अमलोर तक करोड़ो की लागत से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है।

सड़क निर्माण में अमलोर के तालाब की मुरूम का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए रायपुर के ठेकेदार गुलाब चंद जैन द्वारा किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है।

बिना रायल्टी पर्ची के अवैध मुरूम खनन किया जा रहा था। इस संबंध में खनिज विभाग के अधिकारियों को जानकारी पहले से थी इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही थी जो कई संदेह को जन्म देता है।

उन्होंने बताया कि कि ठेकेदार ने पहले तो ग्राम पंचायत अमलोर के अंतर्गत तालाब में बगैर अनुमति के धड़ल्ले से ताबड़तोड़ खोदाई कराया। मामले में माह भर बाद जब फिर मुरूम की जरूरत पड़ी तो पंचायत से प्रस्ताव लेकर नियमों को दरकिनार करते हुए बिना मापदंड और समय सीमा के खोदाई की गई इसकी भी शिकायत की गई थी।

जिस पर छुरा की कर्तव्य निष्ठ तहसीलदार सुश्री कुसुम प्रधान (लेडी सिंघम)द्वारा तत्काल मौके पर पहुंच कर त्वरित कार्यवाही करते एक जेसीबी मशीन सहित तीन ट्रेक्टर पर जप्ती की कार्यवाही की गई हैं बताया जा रहा हैं कि जप्त जेसीबी मालिक मदन यादव निवासी हसदा जिला धमतरी एक जेसीबी 2 ट्रेक्टर व तीनो ट्रेक्टर एक जेसीबी सुखचन्द साहू डूमरपाली जिला महासमुंद का होना बताया जा रहा है।

सड़क निर्माण कार्य में अवैध मुरुम खुदाई पर कार्यवाही कही महंगी न पड़ जाए कर्तव्य निष्ठ तहसीलदार को?
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत बन रहे सड़क पाटसिवनी से तमोरा व्हाया अमलोर सडक निर्माण का कार्य प्रगति पर है जिसे रायपुर के मुरम चोर ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है जिसमे ठेकेदार के द्वारा अवैध मुरुम खुदाई की शिकायत पर दिनाँक 03/02/2021 को खबर मिलते ही तहसीलदार सुश्री कुसुम प्रधान अमलोर पहुँची जंहा अमलोर के तालाब से बड़े पैमाने पर जे सी बी मशीन द्वारा मुरुम की खुदाई निरन्तर जारी था ।

जिसपर तहसीलदार द्वारा विधिवत कार्यवाही करते हुए मुरुम खुदाई में लगे वाहन का मौके स्थल पर पंचनामा तैयार किया जा रहा था जिसको लेकर ग्राम के कुछ चिल्लर छाप नेता व एक कथित दलाल पत्रकार द्वारा अवैध उत्तखनन पर कार्यवाही नही करने के लिए दबाव बना रहे थे ग्राम के कुछ चिल्लर छाप नेता द्वारा कार्यवाही के दौरान तहसीलदार सुश्री प्रधान को राजधानी के सत्ता पक्ष के नेता से फोन पर बात करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा था लेकिन एक कर्तव्य निष्ठ ईमानदार अफसर होने का परिचय देते हुए तहसीलदार छुरा सुश्री कुसुम प्रधान ने किसी की भी नही सुनते हुए उक्त सड़क निर्माण के लिए अवैध रूप से खुदाई कर रहे वाहनों पर विधिवत कार्यवाही करते हुए इसकी जानकारी माइनिंग विभाग गरियाबंद के अधिकारियों को दी गई कुछ देर में माइनिंग विभाग के माइनिंग स्पेक्टर भी पहुचे जहा से अवैध खुदाई में लगे वाहनों को छुरा थाना लाया गया।

उल्लेखनीय है कि सुश्री कुसुम प्रधान की छबि क्षेत्र में एक सशक्त व कर्तव्य निष्ठ और ईमानदार अधिकारी के रूप में जानी जाती है इससे पहले भी तहसीलदार कुसुम प्रधान द्वारा छुरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पंडरीपानी में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे लोगो को शासकीय भूमि से बेदखली की कार्यवाही की गई थी उस समय भी छुरा का एक वियर कथित व दलाल नेता द्वारा अवैध कब्जा खाली कराने वाली सुश्री प्रधान को छुरा से हटाने के लिए कई मशक्कत करते देखा गया हैं। और उनका तबादला कराने के लिए बहुत जुगाड़ भी लगाया गया था लेकिन सुश्री प्रधान की कार्यशैली को देखते हुए उनका तबादला नही हुआ जिसको लेकर कई लोग दांत पिसते रह गए।

खनिज विभाग नहीं करती कार्रवाई

ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ठेकेदार द्वारा खुलेआम पिछले एक माह से अवैध मुरूम उत्खनन का कार्य किया जा रहा है।

इस एक माह में ठेकेदार ने बिना रायल्टी पर्ची के मुरुम निकालकर तालाब को कुंड बना दिया है। इससे राजस्व की क्षति हो रही है। खास बात यह है कि हर बार अवैध मुरूम उत्खनन की जानकारी राजस्व विभाग को दी जाती है।

7.55 किमी तक बनाई जा रही सड़क निर्माण कार्य किया जाना है ग्राम पंचायत के द्वारा ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए कई डबरी,तालाब का निर्माण किया गया है।

इन ग्राम पंचायतों मे ठेकेदार द्वारा सरपंच से मिलीभगत कर बिना रोक टोक के अवैध मुरूम उत्खनन किया जा रहा था, माह भर अवैध खनन करने के बाद अब दिखावे के लिए ग्राम पंचायत से प्रस्ताव लेकर गहरीकरण के नाम पर दो दिन तक तालाब की खोदाई किया गया। एक माह तक अवैध उत्खनन के बाद मुरूम खुदाई के लिए प्रस्ताव पारित करने के मामले में ग्रामीणों ने जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है।

क्या है पंचायत प्रस्ताव में खनन के नियम

तालाब गहरीकरण करने के लिए यदि कोई पंचायत प्रस्ताव के माध्यम से खनन कार्य कराती है तो उसकी भी तय मापदंड और समय सीमा है। सरपंच किसी भी एजेंसी को सीमित मात्रा में ही खोदाई की अनुमति दे सकता है।

खोदाई से पूर्व तहसीलदार,अनुविभागीय अधिकारी और खनिज विभाग को सूचना देना अनिवार्य होता है। इसमें प्रस्ताव में कितने फीट की खोदाई करने के साथ समय सीमा बताना अनिवार्य है। इसके आधार पर ही एजेंसी द्वारा उत्खनन कार्य किया जाता है।

उससे अधिक का उत्खनन कार्य एजेंसी नहीं कर सकता है।यदि अधिक मात्रा में मिट्टी, मुरूम का खनन करना है तो उसके लिए खनिज विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। यदि निर्धारित नियमों को नजर अंदाज कर अधिक का कार्य किया जाता है तो वह अवैध उत्खनन की श्रेणी में आता है।

करोड़ो की सड़क निर्माण में मुरुम चोर ठेकेदार काट रहें हैं चांदी

करोड़ो की लागत से बन रही इस सड़क निर्माण में मुरुम चोर ठेकेदार द्वारा जमकर चांदी काटी जा रही है। निर्माण एंजेसी ठेकेदार द्वारा नियमों को ताक पर रखकर गुणवक्ताहीन सड़क का निर्माण कर रहा है। सड़क में बेस के नाम पर तालाब की लाल चिकनी मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है।

जबकि बेस में दानेदार मुरूम का उपयोग किया जाना चाहिए। ताकि मजबूती से सड़क का निर्माण हो सके। लेकिन इस सड़क निर्माण में विभागीय अधिकारी की भी मौन स्वीकृति कई सवालों को जन्म दे रहा है। विभाग के अधिकारी मॉनिटरीग के नाम पर केवल औपचारिकता निभा रहे है।

फलस्वरूप ठेकेदार मनमानी कर रहा है इधर ग्रामीण भी इस मामले में जानकारी के अभाव में शांत बैठे हुए है।

घटिया मटेरियल का उपयोग

ज्ञात हो कि पहले सड़क उबड़ खाबड़ होने की वजह से ग्रामीणों को आवाजाही में बेहद परेशानी होती रही है। ग्रामीणों की कई बार शासन प्रशासन व नेताओं से मांग की गई जिसके बाद यह प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत पक्की सड़क की सौगात मिली है।

इस पर अब मुरुम चोर ठेकेदार अधिक कमाई के चक्कर में घटिया मिट्टी का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहा है। इसके कारण सड़क ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाएगी। ऐसे में सड़क भी जल्द खराब हो जाएगी।

सूचना बोर्ड पर लागत राशि व स्टीमेट का बोर्ड नही
विभाग के अधिकारीयों द्वारा किस तरह लापरवाही व मनमानी की जा रही है। इससे निर्माण हो रहे सड़क की गुणवक्ता से ही लगाया जा सकता है।

जबकि निर्माण संबधी किसी तरह का सूचना बोर्ड पर लागत राशि का उल्लेख नही किया गया है। सूचना बोर्ड स्पष्ठ उल्लेख नहीं होने से ग्रामीणों को निर्माण संबधी जानकारी नहीं हो रही है।

जानिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के बारे मेे
भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का प्रमुख उद्देश्‍य ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक आबादी वाले (पहाड़ी और रेगिस्‍तानी क्षेत्रों में 250 लोगों की आबादी वाले गांव) सड़क-संपर्क से वंचित गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के वक्त से ही इसका नाम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना है।

इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा गांवों को होगा, जहां छोटे किसान शहरों से सीधे जुड़ सकेंगे और अपनी फसल बेच पाएंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों को सही रखना यानि अगर किसी तरह की परेशानी से सड़क खराब होती है तो उसका भी ख्याल रखा जाएगा।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांव तक विकास पहुंचता दिख रहा है, इसके अलावा ग्रामीण स्तर पर ही रोजगार के कुछ अवसर भी सृजित होते हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत रेल क्रासिंग और तिराहों पर ओवर ब्रिज बनाने का काम भी शामिल है।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आप अपने गांव की सड़क भी सही करा सकते हैं।

जिसके लिए सरकार ने ‘मेरी सड़क’ के नाम से एक सरकारी ऐप जारी किया है। अगर आपके गांव की सड़क अभी तक नहीं बनाई गई है या फिर किसी कारण खराब हो गई है तो आप इस ऐप के जरिए सीधे प्रधानमंत्री से शिकायत कर सकते हैं।

मगर ध्यान रहे कि वही खराब सड़कें सही होंगी जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई हैं।

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