छत्तीसगढ़

प्रदेश में जनता कर्फ्यू का आज एक साल, लेकिन जिंदगी अभी बाकी है

बिलासपुर। कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद देशभर में 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू का पालन शहरवासियों ने भी किया था। फिर इसके बाद 75 दिन के लाकडाउन ने आम जिदंगी को अस्त-व्यस्त कर दिया। डर के बीच अभी जिंदगी बाकी है। बिलासपुर में भी इसका जबरदस्त असर पड़ा। इस पल को लोग आज भी नहीं भूल पा रहे हैं। कल 22 मार्च को पूरा एक साल हो जाएगा।

लाकडाउन के बीच बिलासपुर व ग्रामीण अंचल में लोग घरों में कैद रहे। जिला प्रशासन, पुलिस, एनएसएस और एनसीसी कैडेटस समेत समाजसेवियों ने घरों में जरूरत के सामान, दूध, सब्जी व अन्य खाद्य पदार्थों की सप्लाई की। कई समाजसेवियों ने बस्तियों में जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था की। हर मोहल्ले में समाजसेवियों ने खुद अपने हाथों से भोजन तैयार कर घरों तक पहुंचाया। देश में 22 मार्च को 14 घंटे के लिए जनता कर्फ्यू का एलान हुआ था।

उसके बाद पूरे देश में 21 दिन का लाकडाउन की घोषणा हुई थी। फिर लाकडाउन बढ़ता चला गया। इस एक साल में बिलासपुर के मेडिकल कालेज समेत रेलवे में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संसाधन बढ़ गए, अब तक के इतिहास में इतने संसाधन नहीं बढ़े थे। केंद्र व राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी। कंटेनमेंट जोन बनाया था। वहां चिकित्सा टीमों को लगाकर घर-घर सर्वे कर मरीज के घर के आसपास व पांच किलोमीटर के दायरे में सैंपल लेकर लोगों की जांच की थी। इस दौरान पुलिस की चप्पे चप्पे पर नजर थी

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