छत्तीसगढ़

कोरोना के चलते महासमुंद में इस बार अनूठे अंदाज में होली मनाने की तैयारी

महासमुंद। इस बार महासमुंद में होली को अनूठे अंदाज में मनाने की तैयारी है। कोरोना वायरस संक्रमण काल में त्योहार भी मनाएंगे लेकिन सावधानी के साथ ही। रसायनयुक्त अबीर-गुलाल के बजाय हर्बल गुलाल से लोग रंगों का पर्व मनाएंगे।

बाजार पर होली का खुमार हावी होने लगा है। पिचकारी व रंग की दुकानें सजने लगी हैं। अबीर-गुलाल की बिक्री भी शुरू हो गई है। महासमुंद के बाज़ार में हर्बल गुलाल की जबर्दस्त मांग है।

इसके लिए विभिन्न ब्लॉक के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भी तैयारी कर ली है। यह तैयारी है हर्बल गुलाल बनाने की।

कलेक्टर डोमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित आज समय-सीमा के बैठक के बाद बिहान समूह के माध्यम से जुड़े दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह भोरिंग की श्रीमती कुमारी साहू ने हर्बल गुलाल का विक्रय किया।

कलेक्टर श्री सिंह,मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ रवि मित्तल सहित बैठक में उपस्थित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे हर्बल गुलाल खरीदें।

अधिकारियों ने कहा कि इस बार हम सभी लोग हर्बल गुलाल से होली का पर्व मनाएंगे। अधिकारियों ने बड़े ही उत्साह के साथ स्व-सहायता समूह की महिलाओं से 300 पैकेट हर्बल गुलाल खरीदें।

कलेक्टर ने सभी अधिकारियों और जनता से भी अपील की कि वे होली पर्व में कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करें।

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि समूह की महिलाओं की मेहनत होली से पहले रंग लायी है। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा तैयार हर्बल गुलाल शहर के मुख्य बाजारों समेत ग्रामीण क्षेत्र की छोटे-बड़े बाजार में उपलब्ध होगा।

ज़िले की विभिन्न महिला समूह द्वारा गुलाब, पलाश,चुकन्दर,और गेंदे के फूल एवं अन्य से गुलाल बनाने का काम शुरू किया गया है। वहीं, ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने होली पर्व के लिए बाजार में पापड़ उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया है।

हर्बल गुलाल की बिक्री से ख़ुश श्रीमती साहू ने बताया कि अधिकारियों ने 4,500 रूपए का गुलाल खरीदें है। समूह की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण गत 25 फरवरी को बिरकोनी के गौठान में कृषि महाविद्यालय कांपा के प्रशिक्षकों के द्वारा दिया गया है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. रवि मित्तल ने बताया कि समूह से जुड़ी महिलाओं को उनकी अभिरुचि और स्थानीय बाजार माँग और समय को देखते हुए विभिन्न कार्यों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।

इसके अलावा कई तरह के प्रशिक्षण दिया गया है ताकि महिलाएं घर बैठे ही स्वरोजगार से जुड़ सके हैं और उसका लाभ ले सकें।

कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिए जा रहे है। उन्होंने कहा कि गोधन योजना के तहत जिले की गौठानो में मल्टीएक्टिविटी भी की जा रही है।

उन्होंने बताया की अभी होली आने वाला है इसलिए महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।

महिलाएं अपने गांव में घरों में एक साथ बैठकर आरारोट और नेचुरल रंग से हर्बल गुलाल तैयार कर रहे हैं। इस हर्बल गुलाल को बाजार में बिक्री के बाद महिलाओं को काफी फायदा होगा और उन्हें घर बैठे स्वारोजगार भी मिलेगा, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेगी।

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