छत्तीसगढ़

महासमुंद कलेक्टर डी. सिंह ने कहा – जिले की अनुपयोगी एवं बंद पड़ी खदानों में शुरू होंगी आर्थिक गतिविधियाँ ग्रामीणों की आय में वृद्धि एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रस्ताव करे तैयार

महासमुंद । जिले में अनुपयोगी एवं बंद पड़ी पत्थर, मुरुम आदि खदानों में आर्थिक गतिविधियाँ शुरू होंगी। इसके लिए कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली।

उन्होंने महासमुन्द जिले के अंतर्गत अनुपयोगी खदानों के बारे में कहा कि खदानों का रकबा भी बड़ा है। उन्होंने इसके लिए जल संरक्षण एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए कार्ययोजना एवं प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने खनिज अधिकारी को कहा कि जिले के अनुपयोगी एवं बंद पड़ी खदानों का चिन्हांकन करें। जिसमें खदानों का समुचित उपयोग किया जा सके। ये शासन की भी मंशा है। ताकि विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर आर्थिक गतिविधियों का संचालन जल्द शुरू किया जा सकें।

कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि चिन्हित खदानों का उपयोग मुख्यतः पर्यटन, मत्स्य पालन, जलीय जीव, बत्तख पालन, जल संरक्षण, जल संग्रहण, बोटिंग, उद्यानिकी, सिंचाई जैसे अन्य गतिविधियों का कार्य किया जा सकता है।

जिससे विभिन्न विभागों के समन्वय से एकीकृत कार्ययोजना के माध्यम से आसपास के ग्रामीणों की आय मंे वृद्धि के नए अवसर सृजित हो सकें एवं उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार करें।

इन स्थलों पर आर्थिक गतिविधियों का कार्ययोजना अनुरूप मनरेगा, डीएमएफ, पर्यावरण एवं अद्योसंरचना, विकास उपकर एवं अन्य विभागीय योजना में उपलब्ध आबंटित राशि से खर्च किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इन स्थलों का शीघ्र निरीक्षण कर विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है।

उन्होंने कहा है कि स्थल निरीक्षण के दौरान संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, पटवारी, रोजगार सहायक,सहायिका, ग्राम पंचायत सचिव, स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामीणों को शामिल करने के निर्देश दिए है।

बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा विशेष रूप से उपस्थित थे। जिला खनिज अधिकारी श्री एच.डी. भारद्वाज ने बताया कि जिले के अंतर्गत विभाग द्वारा कुल 07 अनुपयोगी खदानों का पृथक-पृथक स्थलों पर चिन्हांकित किया गया हैं।

जिसका कुल रकबा 13.34 हेक्टेयर है। इनमें महासमुन्द तहसील के अंतर्गत बरबसपुर में 04, बसना के छिर्रालेवा में 01, सरायपाली के छुईपाली में 01 एवं तहसील बागबाहरा के कल्याणपुर में 01 उपेक्षित खदानों का चिन्हांकन किया गया है।

इस अवसर पर पशु चिकित्सक सेवाएं के उप संचालक डाॅ. डी.डी. झारिया, कृषि विभाग के उप संचालक श्री एस.आर. डोंगरे, एसडीओ फाॅरेस्ट श्री एस.एस. नाविक, क्रेडा विभाग के सहायक अभियंता श्री एन.के. गायकवाड़ सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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