क्राइमछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पताल में हो रही लापरवाही, इलाज पूरा किए बगैर ही बच्ची को दे दी छुट्टी

धमतरी। जिले के शासकीय अस्पताल में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। सबसे बड़े जिला सरकारी अस्पताल में एक बच्ची की इलाज में लापरवाही बरता गया। दर्द से कराहती बच्ची का इलाज पूरा किए बगैर ही उन्हे छुटटी दे दी गई है।

छुटटी की बात पर परिजनों ने अस्पताल में खूब हंगामा किया, लेकिन इसके बावजूद परिजनों की कोई बात नही सुनी गई। आखिरकार परिजनों ने दर्द कहराती बच्ची को बेहत्तर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया है।

परिजनों का आरोप है कि बच्ची के इलाज में शुरू से ही लापरवाही बरती जा रही थी और ठीक से इलाज के बिना ही उन्हे छुटटी दे दिया गया।फिलहाल बच्ची के परिजन अब शिकायत की तैयारी में है।

दरअसल, जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर दो दिन पहले प्रिया साहू नाम की बच्ची सड़क हादसे में घायल हो गई थी। इस हादसे में प्रिया के हाथ और पैर में गंभीर चोटें आई थी। वहीं घायल अवस्था में उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

जहां प्राथमिक उपचार के बाद डाॅक्टरों ने प्रिया के हाथ पैर पर प्लास्टर बांध दिए। इस बीच उसका इलाज चलता रहा। लेकिन शनिवार की सुबह बच्ची को अस्पताल से डिस्जार्च का आदेश दे दिया गया।

जबकि परिजन इलाज से संतुष्ट नही थे। परिजन चाहते थे कि प्रिया जब तक स्वस्थ न हो जाए तब तक उसे अस्पताल में ही रखा जाए। लेकिन न डाॅक्टरों ने उनकी बात सुनी और न ही स्टाफ ने सुनी।

बच्ची दर्द से बिलखती रही, परिजन बच्ची को तड़पता देख नही सके और जब किसी ने नही सुनी तो अस्पताल में जमकर हंगामा किया। लेकिन उनके इस हंगामें का कोई असर नही हुआ और अंत में बच्ची को दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा।

इस पूरे मामले में परिजनों ने अस्पताल प्रबंधकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अस्पताल में उनकी बच्ची का ठीक से इलाज नही किया गया और कोई जानकारी सही नहीं दी जाती है। इधर बच्ची का इलाज कर रहे डाॅक्टर का कहना है कि बच्ची स्वस्थ है इसलिए ही उसे छुटटी दी गई है।

इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। बहरहाल, लापरवाही के इस आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो वक्त बताएगा। लेकिन सरकारी अस्पताल में लोग इस उम्मीद में अपना इलाज करवाने पहुंचते है की कम खर्च में बेहतर इलाज संभव हो सके।

लेकिन सवाल ये है कि अगर इस तरह का वाकया सामने आए तो गरीब व्यक्ति आखिर कहां इलाज कराने जाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button